कोरोना से उबरे उत्तराखंड रोडवेज पर महंगे डीजल की मार,रोजाना 30 लाख की बढ़ोतरी से बढ़ेगा किराया? जानिए

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कोरोना संकट से उबरे रोडवेज के सामने अब दूसरा संकट खड़ा हो गया है। रोडवेज की रोजाना की आय कोरोना काल से पहले जैसी हो गई, लेकिन डीजल की महंगाई से फायदा नहीं हो रहा है। डेढ़ साल में रोजाना डीजल के खर्च में तीस लाख रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। कोरोना काल से पहले रोडवेज 250 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा था। अब संचालन पूरी तरह पटरी पर आ गया है। रोजाना की आय भी एक करोड़ 60 लाख रुपये तक पहुंच गई है, लेकिन डीजल के दाम बढ़ने से रोजाना बीस से तीस लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है।

दिवाली तक सिंतबर का वेतन मिलने की उम्मीद कम: रोडवेज में सात हजार स्थायी और अस्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन घाटे के कारण प्रबंधन कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है। अभी तक कर्मचारियों को सितंबर का वेतन भी नहीं मिला है।

बसों का संचालन पटरी पर लौट आया है, लेकिन डीजल की महंगाई से नुकसान हो रहा है। नो प्रोफिट-नो लॉस के लिए हमें रोजाना एक करोड़ 90 लाख रुपये की आय चाहिए। अभी औसतन एक करोड़ 60 लाख रुपये की आय आ रही है। कुमाऊं में आपदा के कारण यह भी कम हो रही है।
दीपक जैन, महाप्रबंधक (संचालन), रोडवेज