भारतीय क्षेत्र कालापानी के तीन गांवों पर नेपाल ने फिर एक बार अपना दावा जताया है। नेपाली मीडिया के अनुसार नेपाल ने इन गांवों की जनगणना के लिए अपनी टीम भेजी, लेकिन भारतीय प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। नेपाली मीडिया ने इसे भारतीय अतिक्रमण बताया है। इससे भारतीय सीमा से लगे गांवों में नेपाल के खिलाफ आक्रोश है।
नेपाल में 12वीं जनगणना का कार्य 11 नवंबर से शुरू हुआ है। नेपाल के जनगणना अधिकारी पद्म राज पोडेल ने नेपाल में जारी एक बयान में दोनों देशों की सीमा पर कालापानी से सटे भारत के गुंजी, नाभी व कुटी को अपना बताया है। उन्होंने इन भारतीय गांवों को नेपाल के गांव व्यास पालिका वार्ड न.1 का हिस्सा बताते हुए कहा है कि वहां नेपाल की जनगणना टीम को जाने की भारत से अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा है कि भारत में छियालेख से आगे इनर लाइन है। जिस कारण बाहरी नागरिकों को आगे जाने के लिए पास की आवश्यकता है।
पोडेल ने कहा है कि भारत के कथित कब्जे वाले गांवों में भी जनगणना का कार्य होना है। भारत की अनुमति नहीं मिलने से भारत के कब्जे वाले गांवों में जनगणना शुरू नहीं हो पा रही है। भारत के रास्ते ही नेपाल अपने माइग्रेशन गांव तिंकर व छांगरू के लिए भी टीम भेजना चाहता है। भारत के रास्ते इन गांवों में जाने के लिए भी भारत की अनुमति नहीं मिलने से जनगणना शुरू नहीं हो पाने की बात नेपाल ने कही है।