देहरादून: राज्य गठन के बाद से ही लगातार उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में हो रही तदर्थ नियुक्ति के सिलसिले को जड़ से खत्म करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा भर्ती की संसोधित नियमावली तैयार कर सरकार को भेज दी है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगा दी जाएगी। विधानसभा सचिवालय में हुई तदर्थ नियुक्तियों और उन पर उठे सवालों ने सरकार की मंशा और छवि दोनों पर सवाल खड़े किये। राज्य गठन के बाद से लगातार चली आ रही यह गैर कानूनी परंपरा को जड़ से खत्म करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सचिवालय के लिए संशोधित सेवा नियमावली तैयार कर ली है। जिसके बाद इसे शासन को भेज दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगा दी जाएगी।
गौर हो कि वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष अपने कड़े फैसलों के लिए शुरू से सुर्खियों में रही हैं। उन्होंने सख्त कदम उठाते हुए विधानसभा में 228 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करते हुए कर्मचारियों को बर्खास्त किया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर पहले हाईकोर्ट ने और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई। अपने इन फैसलों पर अपार जनसमर्थन और न्यायालयों की मुहर लगने के बाद विधानसभा अध्यक्ष भ्रष्टाचार के अड्डे को जड़ से खत्म करने के लिए विधानसभा में इस तरह की किसी भी नियुक्ति की हर एक गुंजाइश को खत्म कर देना चाहती हैं। सूत्रों के अनुसार विधानसभा सचिवालय ने संशोधित सेवा नियमावली सभी विधिक परामर्श और कार्मिक विभाग से परामर्श लेकर बनाई है। इस संशोधित नियमावली पर कई वरिष्ठ अधिकारियों का सुझाव भी लिया गया है। पूर्व में विधानसभा द्वारा भेजी गई नियमावली को शासन ने कुछ बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए वापस विधानसभा भेज दिया था। अब एक बार फिर से विधानसभा ने इन तमाम बिंदुओं को संशोधित कर स्पष्ट संशोधित सेवा नियमावली शासन को भेज दी गई है।