देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का विवादों से नाता नहीं टूट रहा है। आयुर्वेद विवि में वर्ष 2017 से 2020 तक गलत तरीके से हुई नियुक्तियों, सामान खरीद में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितता की विजिलेंस जांच शुरू हो गई है। आयुर्वेद विवि में धांधली की जांच में विजिलेंस को खुद ही वहां की अलमारियां खंगालनी पड़ रही हैं। अधिकारी मांगने पर भी दस्तावेज मुहैया नहीं करा रहे हैं। ऐसे में विजिलेंस वहां से खुद ही दस्तावेज उठाकर कब्जे में ले रही है।
विजिलेंस इन सब मामलों में खुली जांच कर रही है। इस संबंध में पहले विजिलेंस की टीमें अधिकारियों से पूछताछ भी कर चुकी है। हालांकि, अभी किसी मामले में विजिलेंस अंतिम फैसले तक नहीं पहुंची है। शनिवार को विवि से कई अहम दस्तावेजों को कब्जे में लिया गया था। एएसपी रेनू लोहानी ने बताया कि विवि के अधिकारियों से कई बार दस्तावेज मांगे गए हैं, लेकिन बार-बार नोटिस भेजने पर भी उन्हें दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए। अब टीम वहां पर पूछताछ के बाद संबंधित दस्तावेजों को अनुभाग से खुद ले रही है।
उन्होंने बताया कि जांच से संबंधित दस्तावेजों को कब्जे में लिया गया है। इसके अलावा कई अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ भी की गई। बता दे, आयुर्वेद विश्वविद्यालय पिछले लंबे समय से नियम विरुद्ध नियुक्तियों समेत तमाम स्तर पर अनियमितता को लेकर चर्चा में रहा है। वर्तमान में विश्वविद्यालय के कुलपति और शासन के बीच खींचतान चल रही है। विवि में वित्तीय अनियमितताएं, भर्ती,खरीद फरोख्त सहित छह अलग अलग बिंदुओं पर जांच की जा रही है।