तुर्किये की भूकंप त्रासदी से मारे गए उत्तराखंड के कोटद्वार निवासी युवक विजय गौड़ का शव सोमवार को कोटद्वार लाया गया। जैसे ही शव पदमपुर सुखरो स्थित आवास पर पहुंचा तो परिजन फूटफूट कर रो पड़े और अन्य लोगों की आंखें नम हो गईं। इसके बाद गाड़ीघाट स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। युवक के छह वर्षीय पुत्र सिद्धार्थ और बड़े भाई अरुण गौड़ ने उन्हें मुखाग्नि दी। पौड़ी जिले के कोटद्वार के पदमपुर इलाके के रहने वाले विजय, पीन्या इंडस्ट्रियल एस्टेट में बेंगलुरु स्थित ऑक्सीप्लांट्स इंडिया के साथ गैस पाइपलाइन इंस्टॉलेशन इंजीनियर के रूप में काम करते थे। वो कंपनी के काम के सिलसिले में बीती 22 जनवरी को बेंगलुरु से तुर्की के लिए रवाना हुए थे। उनको दो महीने तक तुर्की में रहना था। विजय तुर्की के मालट्या शहर में होटल अवसर में रुके थे।
बीती 6 फरवरी को आए भीषण भूकंप के बाद उनका होटल भी ताश के पत्तों की तरह ढह गया था और वो तभी से लापता थे और घरवालों का विजय से संपर्क नहीं हो पा रहा था। तुर्की भूकंप की खबर के बाद से ही विजय कुमार गौड़ का परिवार भारतीय दूतावास से संपर्क में था। बीती 11 फरवरी को तुर्की स्थित भारतीय दूतावास ने बताया था कि तुर्की के मालट्या में एक होटल के मलबे से विजय की लाश मिली है। परिजनों ने शव के बाएं हाथ पर बने ‘ओम’ टैटू से विजय के शव की शिनाख्त की थी। विजय के परिवार में पत्नी व चार साल का एक बेटा है। इस घटना के बाद विजय के परिवार का बुरा हाल है। इसके बाद विजय का शव कंपनी के सदस्यों को सौंप दिया गया। युवक का शव देखकर परिजनों में कोहराम मच गया। युवक के छह वर्षीय पुत्र सिद्धार्थ और बड़े भाई अरुण गौड़ ने उन्हें मुखाग्नि दी।