ये सन्नाटा क्या कहता है ! Haridwar | Uttarakhand News | Heavy Rain | Ganga River Warning

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जी हां दगड़ियो उत्तराखंड में जहां कभी भक्तों की भीड़ थी आज वहां क्यों छाया हुआ है सन्नाटा वजह जान हो जाएंगे हैरान! बताउंगा आपको ऐसा क्या हुआ की भक्तो से गुलजार रहने वाला ये पवित्र धाम में बस कुछ गिनेचुने लोग ही है। कभी श्रद्धालुओं से गुलजार रहने वाला स्थान आज वीरान क्यों दिखता है? जहां पहले भक्ति का सागर उमड़ता था, आज वहां सन्नाटा क्यों है? इन सवालों के जबाव लेकर आया हूं और हरिद्वार की उस तस्वीर को दिखाने जा रहा हूं जिसे देख कर थोड़ा नहीं बहुत हैरानी होती है। इसलिए आप से गुजारिश ये है कि आप अंत तक मेरे साथ इस वीडियो में बने रहे हैं ताकि मै हर बात आप तक पहुंचा सकूं जिससे में बताना चाहता हूं, दिखाना चाहता हूं। दगड़ियो हर साल सितंबर के महीने में हरिद्वार यात्रियों से गुलजार रहता है, लेकिन साल 2025 में हालात बिल्कुल अलग हैं। इस बार हर की पैड़ी यात्रियों की राह देख रही है। घाटों और बाजारों के साथ-साथ हरिद्वार के होटल भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के इंतजार में खाली पड़े हैं, है ना हैरान करने वाली बात हरिद्वार में पसरा सन्नाटा, आस्था की नगरी पर प्रकृति का कहर ऐसा की सब शांत-शांत सा हो गया। दोस्तो भारत में अगर आस्था और पवित्रता की बात की जाए, तो सात धार्मिक नगरियों का विशेष उल्लेख होता है जिन्हें सप्तपुरी कहा गया है। ये सात नगर – अयोध्या, मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी, कांची, अवंती और द्वारका – हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माने जाते हैं। इन सभी में हरिद्वार का स्थान विशेष है, जहां गंगा नदी के किनारे स्थित हर की पैड़ी हर साल करोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है लेकिन दोस्तो साल 2025 का सितंबर माह हरिद्वार के इतिहास में एक अभूतपूर्व सन्नाटा लेकर आया है। जहां हर साल इस समय हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती थी, वहीं इस बार घाट सूने पड़े हैं, बाजार खाली हैं और होटल पर्यटकों के इंतजार में वीरान हो गए हैं।

आगे आपको बताने जा रहा हूं दोस्तो कि हरिद्वार में घटती भीड़ का क्या है कारण? एक एक कर कई कारण जो मुझे समझ आते हैं इसलिए आप अंत तक मेरे साथ इस वीडियो में जरूर बने रहिएगा। दगड़ियो सितंबर के पहले सप्ताह से ही उत्तराखंड में लगातार भारी से बहुत भारी बारिश का दौर जारी है। हरिद्वार, जो आमतौर पर मानसून में भी श्रद्धालुओं से गुलजार रहता था, इस बार मौसम के बदले मिजाज के कारण वीरान नजर आ रहा है। मौसम विभाग द्वारा लगातार जारी किए जा रहे रेड और ऑरेंज अलर्ट ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। वहीं दूसरा कारण ये कि हाल ही में उत्तरकाशी क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा और इसके बाद सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों ने यात्रियों के मन में भय भर दिया। खबर तो ये है कि लगभग 85% यात्रियों ने हरिद्वार की यात्रा रद्द कर दी साथ ही, होटल बुकिंग्स में गिरावट आई और व्यापारी वर्ग को बड़ा झटका लगा जी हां दगड़ियो हरिद्वार के होटल व्यवसायियों और दुकानदारों के लिए साल 2025 का यह समय निराशाजनक रहा है। पर्यटन से जुड़ी अधिकांश गतिविधियां ठप पड़ी हैं जहां पहले श्रद्धालुओं की भीड़ से होटल और बाजार भरे रहते थे, वहीं अब वे सुनसान पड़े हैं। हर की पैड़ी, जो गंगा आरती के दिव्य स्वर, मंत्रोच्चारण और भक्तों की श्रद्धा से हर शाम जीवंत हो उठती थी, अब शांत, ठहरी हुई और उदास सी नजर आ रही है। मालवीय घाट हो या ब्रह्मकुंड, हर घाट पर गिनती के लोग दिखाई दे रहे हैं। यह पहली बार है जब सितंबर के महीने में गंगा किनारे की सीढ़ियाँ खाली हैं। वहीं दगड़ियो ये आपको बता दूं कि सरकार ने भी एक फैसला लिया जिस वजह से यहां श्रद्धालु नहीं पहुंच रहे हैं। दोस्तो उत्तराखंड सरकार और प्रशासन द्वारा सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। बारिश के कारण भूस्खलन और सड़कों के अवरुद्ध होने की घटनाएं आम हो गई हैं। राज्य में यात्रा मार्गों की स्थिति खराब है और सुरक्षा कारणों से यात्रियों को फिलहाल यात्रा से बचने की अपील की जा रही है।