उत्तराखंड में बार-बार क्यों आ रहे हैं भूकंप? आखिर क्या संकेत दे रही प्रकृति, भूवैज्ञानिकों ने चेताया

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Earthquake Uttarakhand: उत्तराखंड में भूकंप से लगातार धरती डोल रही है। जिससे लोगों में खौफ का माहौल है। बीते दिन भी ऐसा ही मंजर देखने को मिला। वहीं राजधानी देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और रुड़की में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर भागते नजर आए। भूगर्भ वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार का कहना है कि पूरा हिमालयी क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। यहां हर दिन 2 से 5 रिक्टर स्केल की तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। बताया कि इंडियन प्लेट के लगातार यूरेशियन प्लेट की ओर गति करने से भूगर्भीय हलचल बढ़ी है। वर्ष 1991 के बाद से अब तक तीन दशक में उत्तरकाशी में सत्तर से ज्यादा छोटे भूकंप के झटके आ चुके हैं। बताया कि वर्ष 2017 में 13 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

आपको बता दें कि जहां पर ज्यादा एनर्जी रिलीज होती है, वही पर भूकंप आता है। जैसे कि उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर अक्सर केंद्र बिंदु रहते हैं। गढ़वाल के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और कुमाऊं के कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील हैं। उत्तरकाशी बेहद ही संवेदनशील जिला है, जो जोन-4 और जोन-5 में आता है। भूकंप वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार बड़े पैमाने पर आ रहे रिक्टर चार तक के भूकंप हिमालय क्षेत्र के भूगर्भ में बड़ी भूकंपीय ऊर्जा के एकत्र होने पर आ रहे हैं। वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन के अनुसार यह पूरा भूभाग 18 मिलीमीटर की दर से सिकुड़ रहा है, जबकि पूर्वी क्षेत्र में यह दर महज 14 मिलीमीटर प्रति वर्ष है। भूभाग सिकुड़ने की वजह से धरती के भीतर ऊर्जा का भंडार बन रहा है, जो कभी भी बड़े भूकंप के रूप में कहर ढा सकता है।