रुड़की से सटे ढंडेरा कस्बे में पिटबुल के हमले में घायल हुई बुजुर्ग महिला ने छह दिन बाद ऋषिकेश एम्स अस्पताल में दम तोड़ दिया। Woman dies in pitbull attack महिला पर हुए हमले में बेटे ने मुकदमा दर्ज कराया था। आठ दिन बाद भी पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं पुलिस अब दर्ज मुकदमे को अन्य धारा में तरमीम करने के लिए विधिक राय ले रही है। वहीं नगर पंचायत ढंडेरा के अधिकारियों ने कुत्ता पालने के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ दिया है। आपको बता दें की सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के ढंडेरा निवासी संजय सिंह की मां केला देवी (70) आठ दिसंबर की दोपहर करीब 12 बजे पोस्ट ऑफिस वाली गली में अपने परिचित के यहां पर जाने के लिए घर से निकली थी। ढंडेरा निवासी रणजोत ने पिटबुल कुत्ता पाल रखा है। जैसे ही महिला रणजोत के घर के बाहर से निकली तो पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने हमला कर दिया था। महिला के चेहरे के अलावा शरीर के कई हिस्सों काे बुरी तरह से नोंच डाला था।गंभीर हालत में घायल महिला को ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में रेफर किया गया था। इस मामले में पुलिस ने महिला के बेटे संजय सिंह की तहरीर पर पिटबुल नस्ल के कुत्ते के मालिक पर धारा-289 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस बयान दर्ज करने के लिए एम्स अस्पताल पहुंची थी, लेकिन महिला की हालत गंभीर होने के चलते बयान दर्ज नहीं हो पाये थे।
पुलिस ने उसके स्वजन के ही बयान दर्ज किये थे। वहीं दूसरी तरफ उपचार के दौरान महिला की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। लेकिन इस मामले में पुलिस मुुकदमा दर्ज करने के अलावा कोई और कार्रवाई नहीं कर पाई थी। शुक्रवार को उपचार के दौरान केला देवी की मौत हो गई। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी ने बताया कि महिला की मौत की सूचना मिलने के बाद उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है। प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी ने बताया कि महिला की मौत के बाद इस मामले की धारा तरमीम करने के लिए विधिक राय ली जा रही है। विधिक राय लेने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि धारा 289 में गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। इसके चलते ही गिरफ्तारी नहीं की गई। वहीं महिला की मौत की सूचना मिलते ही आसपास रहने वाले लोग दहशत में हैं। लोगों को दहशत सता रही है कि भविष्य में पिटबुल कुत्ता किसी पर भी हमला कर सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस नस्ल के कुत्ते के घर में पालने पर रोक लगनी चाहिए। ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो सके।