भाजपा मुख्यालय में आयोजित कार्यशाला में रानी अहिल्याबाई को श्री बद्री केदार धाम समेत देशभर के धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार के लिए याद किया गया। 300th birth anniversary of Ahilyabai Holkar वहीं ऑपरेशन सिंदूर में महिला सैन्य अधिकारियों के शौर्य को भी उनके जीवन से प्रेरित बताते हुए देश में महिला शसक्तीकरण का परिचायक बताया। इस मौके पर उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा, अहिल्याबाई एक यशस्वी महारानी, लोकसेविका और लोक नेता के रूप में याद की जाती है। उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा, 31 मई 1795 में इनका जन्म तब हुआ था जब महिलाओं के लिए शिक्षा प्राप्त करना भी आसान नहीं था। लेकिन तात्कालीन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने राज्य के शासन को संभाला, साथ ही धार्मिक एवं सामाजिक सुधारो के कार्यों को भी आगे बढ़ाया।
उनके शौर्य और कृत्यों को आज हम आज हम कार्यशाला के माध्यम से मना रहे हैं। निश्चित रूप से कार्यशाला में अहिल्याबाई होल्कर के पूरे जीवनकाल और कालखंड से हम लोग प्रेरणा लेंगे कि कैसे उन्होंने अपने जीवन में अच्छे प्रशासक एक अच्छे धार्मिक आस्थक के रूप में स्वयं को स्थापित किया। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हमारी मातृ शक्ति आगे बढ़ रही है। वर्तमान परिपेक्ष्य में उसका ही परिणाम है, हमारी दो सैन्य अधिकारियों का ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाने में दिया महत्वपूर्ण योगदान। हमारी बहिनों के सिंदूर मिटाने के दोषी आतंकवादियों को समाप्त करने वाले इस अभियान को अंजाम देने में उन्होंने पराक्रम और शौर्य दिखाया।