बीती दिनों पौड़ी में भीषण बस हादसा हुआ। इस हादसे में 32 लोगों की मौत हुई थी। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों और उनके परिवारों के साथ हरिद्वार जिला प्रशासन ने भद्दा मजाक किया है। दरअसल पौड़ी बस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था। परिजनों को आर्थिक मदद के लिए चेक भी दिये गए। लेकिन अधिकारियों ने लापरवाही की हद पार कर दी। चेकों पर आश्रितों के बजाय मृतकों के नाम लिखए गए। आप अंदाजा लगाया जा सकता इतने संवेदनशील मुद्दे पर अधिकारी कितनी गंभीरता से काम कर रहे हैं। 4 अक्टूबर को हरिद्वार से पौड़ी के बीरोंखाल के लिए बारातियों से भरी बस रवाना हुई थी। बस खाई में गिरी और इस हादसे में 32 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि देने का आदेश जारी किया था। आदेश आने के 2 हफ्ते बाद भी काफी मृतकों के परिजनों को राहत राशि नहीं मिली। जिनको मिली उनके साथ भी भद्दा मजाक किया गयाष राहत राशि के चेक पर परिजन के बजाए मृतक का नाम था। जैसे ही मामले ने तूल पकड़ा, वैसे ही अधिकारियों ने कर्मचारियों को पीड़ितों के घर भेज कर सारे चेक वापस मंगवाए। लेकिन तब तक जिला प्रशासन की खूब किरकिरी हो गई थी। जैसे ही ये खबर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दरबार में पहुंची तो उन्होंने भी इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला प्रशासन को तलब करते हुए पूछा कि हादसे के 25 दिन बाद भी मृतकों के आश्रितों को राशि को नहीं मिली और जिन्हें चेक दिया गया है, उसमें नाम को लेकर लापरवाही क्यों बरती गई। बता दें कि मृतकों के आश्रितों को चेक देने का जिम्मा क्षेत्र के एसडीएम पूर्ण सिंह राणा के पास था।