चुनौती बनी गंगोत्री धाम की यात्रा? | Uttarakhand News | Yamunotri Dham | Breaking News

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जी हां दोस्तो क्या अब राहत मिलेगी? क्योंकि 17 दिन बाद खुला यमुनोत्री हाईवे, लेकिन लगता है खतरा अभी टला नहीं। क्या अब चुनौती बन चुकी है गंगोत्री धाम की यात्रा? बताने के लिए आया हूं दगड़डियो वो बीते 17 दिन और अब कैसे गंगोत्री धाम की यात्रा आगे चलने जा रही है। Nalupani Road Opne In Uttarkashi दगड़ियो उत्तराखंड के स्वर्गीय धाम यमुनोत्री और गंगोत्री के मार्ग को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। 17 दिनों से बंद पड़े यमुनोत्री हाईवे और गंगोत्री के नालूपानी वाले हिस्से का रास्ता आखिरकार 24 घंटे बाद खोल दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं और यात्रियों के चेहरे पर राहत दिखाई दी, लेकिन साथ ही चिंता भी बरकरार है, क्योंकि भूस्खलन का खतरा अभी भी इस क्षेत्र में मंडरा रहा है। प्रशासन ने सतर्कता जारी रखने के आदेश दिए हैं और यात्रियों से सावधानी बरतने की अपील की है, तो क्या दगड़ियो इस बार यात्राएं बिना किसी रुकावट के पूरी हो पाएंगी? आने वाले समय में क्या ये रास्ते स्थायी रूप से सुरक्षित होंगे? आज मै आपको पूरी स्थिति बताने के लिए आया हूं।

नालूपानी के पास बीते सोमवार शाम को गंगोत्री हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा और पेड़ व बोल्डर आने के कारण सड़क बंद हो गई थी। जिसे बीआरओ की मशीनरी ने करीब 24 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार शाम को आवाजाही के खोल दिया है। वहीं, हाईवे खुलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।

नालूपानी में हाईवे बंद होने से बड़कोट और चिन्यालीसौड़ जाने वाली डेली यातायात सेवा बाधित रही। दूसरी ओर ऋषिकेश और देहरादून से आने वाली डेली सर्विस सेवा डोबारा चांठी-लंबगांव-धौंतरी मोटर मार्ग से उत्तरकाशी पहुंची।

वहीं यमुनोत्री हाईवे जंगलचट्टी और नारादचट्टी के पास भू धंसाव के चलते हाईवे 17वें दिन भी बंद रहा। अगर नालूपानी की बात करें तो मानसून सीजन में सक्रिय भूस्खलन गंगोत्री हाईवे के लिए नासूर बन गया है। वहां पर बार-बार हो रहा भूस्खलन के कारण आवाजाही बाधित हो रही है।

वहां पर लगातार आ रहा मलबा और बोल्डर बड़ा खतरा बना हुआ है। बीती सोमवार शाम को नालूपानी में भूस्खलन के कारण गंगोत्री हाईवे बंद हो गया था। वहां पर भारी मलबा और बोल्डर आने के कारण बीआरओ यानी सीमा सड़क संगठन को मार्ग खोलने में करीब 24 घंटे का समय लगा।

नालूपानी में भूस्खलन का खतरा बरकरार: हालांकि, वाहनों की आवाजाही शुरू तो हो गई, लेकिन वहां पर अभी भी खतरा बना हुआ है। क्योंकि वहां पर साफ मौसम में बोल्डर और मलबा गिर रहा है। अगर बारिश हुई तो फिर से मलबा आ सकता है।

थिरांग और हेलगूगाड में बोल्डर आने से आवाजाही 4 घंटे रही ठप: वहीं, दूसरी ओर थिरांग और हेलगूगाड में भी बोल्डर आने के कारण आवाजाही करीब चार घंटे तक बंद रही। इस कारण स्थानीय लोगों को मार्ग खुलने का इंतजार करना पड़ा। वहीं, बीआरओ ने बोल्डर हटाकर वहां पर आवाजाही शुरू करवाई।

यमुनोत्री हाईवे जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास 17 दिनों से बंद: उधर, दूसरी ओर यमुनोत्री हाईवे जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास 17 दिनों से बंद पड़ा हुआ है। जिसके चलते यमुनोत्री धाम की यात्रा अभी तक सुचारू नहीं हो पाई है। ऐसे में धाम समेत पांच गांवों के ग्रामीण तहसील मुख्यालय तक कई किमी दूर पैदल चलकर पहुंच रहे हैं।

इससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है:  स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने लंबे समय से हाईवे बंद रहने से स्थानीय लोगों की परेशानी के साथ ही चारधाम यात्रा भी बुरी तरह प्रभावित होने से लोगों की आर्थिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीणों ने एनएच विभाग से युद्धस्तर पर सड़क खोलने की मांग की। “रास्ते खुले हैं, लेकिन खतरा अब भी सिर पर मंडरा रहा है। दोस्तो प्रशासन जुटा है, पर पहाड़ों की ये जंग कब थमेगी — ये सवाल आज भी खड़ा है। आगे क्या होगा, इसका जवाब वक्त देगा और मै आपको हर अपडेट देते रहूंगा।