जी हां दोस्तो एक हैरान कर देने वाला खुलासा लेकर आया हूं कि कैसे उत्तराखंड में बिहार के दो भाइयों ने किया सांसों का व्यापार और फिर एक दिन मौका देखते ही रोक दी गई पहाड़ की बेटी की सांसें। Yoga Trainer Murder Case in Haldwani दोस्तो हद्वानी में ज्योति मेर नाम की एक लड़की हत्या हो जाती है, और इस हत्या के पीछे के सच को जानने में पुलिस को एक महिना भर लग जातै है तो मै आपको इसी हत्याकांड के बारे में बताने आया हूं। योगा सेंटर के पर्दे के पीछे छिपी हवस, लालच और हत्या की खौफनाक पटकथा कैसे लिखी गई ये सब बताऊंगा। बस आपसे गुजारिश ये कि आप अंत तक मेरे साथ जरूर बने रहें ताकि कोई जानकारी छूटे ना क्योंकि ये सिर्फ एक खबर भर नहीं है। दोस्तो ये बेहद ही संवेदनशील मामला है। हल्द्वानी की सड़कों से सलाखों तक का 21 दिन का जनांदोलन, सिस्टम पर उठते सवाल सब कुछ है यहां दोस्तो हल्द्वानी की चमचमाती सड़कों, फिटनेस के नाम पर बिछे दिखावे और योगा के नाम पर फैले ढोंग के पीछे, एक खौफनाक हकीकत ने शहर को झकझोर कर रख दिया। एक युवती, एक मां की बेटी, और सैकड़ों सपनों की मालकिन – ज्योति मेर – अब इस दुनिया में नहीं है। उसकी हत्या सिर्फ एक ‘पर्सनल डिस्प्यूट’ नहीं थी, ये सत्ता, सेक्स और सिस्टम के गठजोड़ की एक बर्बर कहानी है। आगे में आपको बताउंगा जो बिहार से आए थे सपने बेचने, उन्होंने कैसे मौत का सेंटर बना डाला।
दगड़ियों बिहार के दो भाई – अजय और अभय यदुवंशी – हल्द्वानी आए तो सपना था साम्राज्य बसाने का। शहर की नब्ज टटोली, देखा कि लोग स्वास्थ्य को लेकर सजग हैं – और यहीं से योगा और फिटनेस सेंटर की शुरुआत हुई। मुखानी चौराहे के पास भागीरथी कॉम्प्लेक्स के टॉप फ्लोर पर खुले योगा सेंटर ने तेजी से पकड़ बनाई। स्कूल, कॉलेज, पुलिस, डॉक्टर – हर तबके के लोग यहाँ आने लगे, पर पर्दे के पीछे शुरू हो चुकी थी एक दूसरी कहानी – लालच, वासना और आपसी जलन की, बिहार से आकर दो भाइयों ने हल्द्वानी में साम्राज्य जमाने की सोची। इसके लिए उन्होंने हल्द्वानी और पहाड़ के लोगों की कमजोर नब्ज टटोली। उन्होंने पाया कि देशभर की तरह ही हल्द्वानी के लोग भी अपने स्वास्थ्य के प्रति बड़े सचेत हैं। ऐसे में हल्द्वानी शहर के बीचोंबीच मुखानी चौराहे के पास भागीरथी कॉम्प्लेक्स के टॉप फ्लोर में योग सेंटर खोला गया। बिहार मूल के दोनों भाइयों अजय और अभय का धंधापानी चल निकला था। इसी बीच बड़े भाई अजय यदुवंशी ने अपने सेंटर में रिसेप्शन में काम करने वाली और कभी कभी योग सिखाने वाली ज्योति मेर से नजदीकियां बढ़ाई।
इस बीच दोनों के बीच रिश्तों की मर्यादा खत्म हुई, बात इतनी बढ़ गई कि योग सेंटर चलाने वाले बड़े भाई अजय यदुवंशी को अपना छोटा भाई अभय यदुवंशी भी अखरने लगा। अजय ने अभय से किनारा तो किया ही साथ ही खर्चापानी देना तक बंद कर दिया। अपने बड़े भाई की ज्योति मेर की नजदीकियों की वजह से खुद का खर्चा पानी बंद होता देख छोटे भाई अभय यदुवंशी के भीतर का शैतान जागा और 31 जुलाई की सुबह सुबह मास्क पहनकर मुखानी में किराए के कमरे में रहने वाली ज्योति मेर के पास पहुंच गया। और कुछ देर में ज्योति की की हत्या कर फरार हो गया। दोस्तो हत्यारोपी 24 साल का अभय कुमार उर्फ राजा पुत्र अरूण कुमार यादव मूलरूप से गोल चौक, वाल्मिकीनगर नगर, पश्चिमी चम्पारण बिहार का रहने वाला है। तीन अगस्त को ज्योति मेर की मां हल्दुचौड़ तुलारामपुर ने मुखानी थाने में आकर तहरीर दी थी। दोस्तो तहरीर में महिला की मां वो सब कुछ बताया कि महिला कहां काम करती है। अजय योगा एंड फिटनेस सेंटर में महिला योगा ट्रेनर की जॉब करती थी। मां ने बेटी की हत्या का शक सेन्टर के मालिक अजय यदुवंशी और उसके छोटे भाई अभय यदुवंशी (राजा) पर जताया था। दोस्तो जब पुलिस ने इस पूरे मामले की जाज पड़ताल की तो सीसीटीवी फुटेज में पाया गया कि एक संदिग्ध व्यक्ति घटनास्थल ज्योति मेर के कमरे से बाहर निकलता हुआ दिखाया दिया। जिसकी शिनाख्त अभय कुमार उर्फ राजा पुत्र अरूण कुमार यादव के रूप में हुई। 19 अगस्त आरोपी को नगला तिराहे के पास से गिरफ्तार किया।
दोस्तो जब हत्योरोपी की गिरफ्तारी हुई और उसने जो सचाइ उगली उसने सबको हैरान कर दिया, क्योंकि इस हत्याकांड ही पूरी कहानी होश फख्ता करने वाली थी। हत्यारोपी ने पूछताछ में बताया कि हल्द्वानी के मुखानी चौराहे से नीचे गोदावरी कॉम्प्लेक्स के टॉप फ्लोर में उसके बड़े भाई का अजय फिटनेस योगा सेन्टर नाम से एकेडमी है जिसे अजय और अभय चलाते थे। योगा सेन्टर में मैनेजमेंट के सारे काम अभय देखता था। जहां ज्योति मेर भी काम करती थी। इसी दौरान ज्योति और अजय की बीच अवैध सम्बन्धों के चलते अजय ने अपने भाई अभय को खर्चा देना बंद कर दिया और उसको अपने घर से निकाल दिया। हुक्कापानी बंद होता देख अभय ने ज्योति के कमरे में रखे उसके दुपट्टे से गला दबाकर हत्या कर दी और टैक्सी बुक कर पहले बनबसा और फिर नेपाल भाग गया। लेकिन पिछले कई दिनों से हल्द्वानी में चल रहे आंदोलन के चलते आरोपी की मुश्किलें बढ़ गई थी, क्योंकि पुलिस पर दबाव अब बढ रहा था। न्याय में देरी हुई तो पीड़ित परिवार और पहाड़ी आर्मी से जुड़े लोगों ने कोतवाल राजेश यादव और एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा के इस्तीफे तक की मांग कर डाली। पुलिस की कार्यशैली से नाराज एक युवक नेबुद्ध पार्क में अपना मुंडन तक करा दिया। आखिरकार 21 दिन बाद आरोपी अभय यदुवंशी सलाखों के पीछे आ ही गया और दोनों भाइयों की करतूत भी बेपर्दा हुई।
इधर, आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पहले दिन से आवाज उठा रहे लोगों का कहना था कि योगा ट्रेनर ज्योति मेर मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अभय रघुबंशी को गिरफ्तार किया मगर इसमें शामिल उसके भाई अजय रघुबंशी और अन्य पर कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस इस केस को गहराई से जांच करें। ज्योति के मोबाइल की पड़ताल करें जो पुलिस के कब्जे में है तो कई रसूखदार इसमें लिप्त मिलेंगे। अब सवाल ये है कि ये मामला बस इतना भर ही है या फिर इसके पीछे के राज और भी, जिनका खुलना अभी बाकी है साथ दोस्तो लोगों का ये भी कहना था कि आरोपी को पकड़ने के लिए आंदोलन का दवाब काम आया जिससे पुलिस हत्यारे को पकड़ने में विवश हुई नहीं तो पुलिस ने इस हत्या को पहले ही दिन आत्महत्या करार दिया था। इतना ही नहीं आवाज उठाने और एसएसपी की कार्यशैली पर सवाल उठाने पर हल्द्वानी कोतवाल राजेश यादव ने उन्हें कॉलर पकड़कर घसीट तक दिया और हवालात में बंद कर दिया था। आखिरकार बेबस मां और जनांदोलन की जीत हुई। अब बस आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले ये उम्मीद की जा सकतीहै साथ इस मामले में और वो कौन लोग है जिनका अभी सिर्फ शक जाहिर किया जा रह है ये देखने वाली बात रहने वाली है।