उत्तराखंड में यू-ट्यूबर के जन्मदिन में लगे अश्लील ठुमके | Roorkee Nagar Nigam | Uttarakhand News

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जी हां दोस्तो जब सरकारी मंच पर लगने लगे अश्लील ठुमके तो क्या कहेंगे, मौका एक फेमस यू-टूबर के जन्मदिन का, उसके बाद कैसे वायरल वीडियो पर शुरू हो गया बवाल। दोस्तो रुड़की में सरकारी मंच पर अश्लीलता का खुला तमाशा, नगर निगम ऑडिटोरियम, जो स्वच्छ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है, वहां यूट्यूबर अमजद 9211 के जन्मदिन पर ठुमकों और नोटों की बरसात ने मचा दिया बवाल। वायरल वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है — सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किसकी अनुमति से हुआ ये शो? और क्या अब सरकारी मंच भी अश्लीलता के ठिकाने बनते जा रहे हैं? विधायक प्रदीप बत्रा ने जताई नाराज़गी, कहा– जांच होनी चाहिए और कार्रवाई भी, क्या अब हर मंच पर लगेगा निगरानी का पहरा? सब बताउंगा आपको पहले आप उस तस्वीर को देखिए जिस पर बवाल मचा है। दोस्तो इन तस्वीरों की वजह से रुड़की नगर निगम एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार चर्चा का कारण एक यूटूयबर के जन्मदिन पार्टी में हुआ अश्लील डांस है। वीडियो प्रसारित होने के बाद से नगर निगम की फजीहत हो रही है। छवि बिगड़ता देख अब महापौर एवं अधिकारी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। दो माह पहले इस यूटूयूबर को अश्लील कंटेंट इंटरनेट मीडिया पर परोसने के मामले में सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और अब नगर निगम के मंच पर ये फुहड़ता।

दोस्तो दरअसल रुड़की नगर निगम के सभागार को एक पार्षद ने कवि सम्मेलन के लिए बुक किया था। इस सभागार में शनिवार की रात को एक चर्चित यूट्यूबर अमजद की बर्थ डे पार्टी का आयोजन किया गया था। इस दौरान तमाम युवक और युवतियों ने अश्लील डांस किया और जमकर ठूमके लगाए गए। केक काटकर एक दूसरे के ऊपर फेंका गया, जिससे नगर निगम के सभागार की कुर्सियां भी गंदी हो गई। इसके बाद रविवार को इस पूरे कार्यक्रम की वीडियो पर वायरल हो गई। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने इस पर आपत्ति जताई, सोसल मीडिया पर तमाम कमेंट्स आए और नगर निगम को आड़े हाथों लिया गया। लोगों का कहना था कि नगर निगम का सभागार सरकारी संपत्ति है। ऐसे में यहां पर राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। ऐसे निजी कार्यक्रम के लिए इसको बुक किया जाना गलत है, तो इधर कार्रवाई की बात होने लगी। वहीं दोस्तो कहा ये भी जा रहा है कि गुमराह कर यह सभागार बुक कराया गया था। बताया गया था कि कवि सम्मेलन होना है, इसके स्थान पर बर्थ-डे पार्टी और डांस आदि करना गलत है। निगम अधिकारियों को जो उचित कार्रवाई है वह करनी चाहिए। दरअसल दोस्तो यूट्यूबर अमजद 9211 ने अपना जन्मदिन मनाने के लिए नगर निगम के ऑडिटोरियम को बुक किया। कार्यक्रम के दौरान मंच पर डांसर्स ने खुलेआम अश्लील डांस किए और दर्शकों ने नोटों की बारिश की, यह सारा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, बवाल मच गया। इससे पहले भी अमजद पर अश्लील कंटेंट बनाने को लेकर रुड़की सिविल कोतवाली में मामला दर्ज हो चुका है, जो इस विवाद को और भी गंभीर बना देता है। जिस मंच से सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश दिए जाते हैं, उसी मंच से इस तरह के आयोजन ने जनता के मन में गुस्सा भर दिया है। यह सवाल अब उठ रहा है कि किस अधिकारी ने बिना जांच के ऑडिटोरियम बुक किया? क्या आयोजकों ने कार्यक्रम की थीम की सही जानकारी दी थी? क्या सरकारी मंचों की बुकिंग प्रक्रिया में कोई निगरानी नहीं है?

दोस्तो ये घटना प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करती है। एक ऐसा व्यक्ति जिस पर पहले से अश्लीलता से जुड़े मामले दर्ज हैं, उसे सरकारी मंच पर कार्यक्रम करने की इजाजत कैसे मिल गई? यह एक बड़ी चूक है जो न सिर्फ नैतिकता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सरकारी सिस्टम की कमजोर निगरानी को भी उजागर करती है। रुड़की नगर निगम ऑडिटोरियम में हुई ये घटना सिर्फ एक पार्टी या वायरल वीडियो की कहानी नहीं है, यह एक चेतावनी है — कि अगर सार्वजनिक मंचों की गरिमा और निगरानी नहीं की गई, तो वो जल्द ही अपने उद्देश्य से भटक जाएंगे। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि अब ऐसी घटनाओं से सबक लिया जाए, बुकिंग की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए और हर कार्यक्रम की थीम, उद्देश्य और आयोजकों की पृष्ठभूमि की जांच अनिवार्य की जाए। वरना, दोस्तो यूट्यूब व्यूज और फॉलोअर्स की दौड़ में समाज के मंच अश्लीलता की गिरफ्त में आते रहेंगे — और हम सिर्फ वीडियो वायरल होने के बाद जागते रहेंगे, तो एक बार फिर सवाल वही है — क्या सरकारी मंचों की गरिमा इतनी सस्ती हो गई है कि कोई भी यूट्यूबर आकर उन्हें अश्लीलता के रंग में रंग दे? रुड़की नगर निगम ऑडिटोरियम में जो कुछ हुआ, उसने न सिर्फ संस्कृति पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। अब देखना ये होगा कि क्या इस मामले में सिर्फ बयानबाज़ी होगी या जिम्मेदारों पर सख़्त कार्रवाई भी की जाएगी। क्योंकि अगर मंच सुरक्षित नहीं रहे, तो समाज को दिशा कौन देगा?”