उत्तराखंड के Chirayu Verma की क्यों हो रही है खूब चर्चा | Uttarakhand News

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अल्मोड़ा के चिरायु वो कर दिखाया जो छोटे बच्चों को सीखना चाहिए
मोबाइल में बिजी रहने वाले बच्चों के परिजन देख लें…कैसे चिरायु ने नाम रोशन किया है !
13 साल के है चिरायु लेकिन अब दुनिया उनके बारे में पढ़ेगी !

 

देश ने पिछले कुछ सालों में बहुत कुछ हासिल किया है…तो बहुत कुछ देश खो भी रहा है…आज के वक्त में सबसे ज्यादा अगर किसी चीज की चर्चा होती है तो वो है डिजिटल…सोशल मीडिया ने भारत ही नहीं..बल्कि पूरी दुनिया को अपने पकड़जाल में फंसा रखा है…लेकिन इसका नुकसान कितना होता है…ये तो हम बताएंगे ही..लेकिन अगर आपका बच्चा इन चीजों से दूर रहेगा…तो उसके क्या फायदे हो सकते हैं…ये तस्वीरें इसका जीता जागता उदाहरण हैं..जो हम आपको दिखा रहे हैं…आजकल के समय में ज्यादातर बच्चे फोन और अन्य चीजों में उलझे रहते हैं… जिस वजह से वह दूसरी गतिविधियों में आगे नहीं बढ़ पाते हैं…लेकिन उत्तराखंड के एक बेटे ने वो कर दिखाया जो वाकई में कमाल है..उम्र छोटी है तो क्या हुआ…काम तो बड़ा होना चाहिए…उत्तराखंड के इस लड़के के भीतर कुछ ऐसी ही खासियत है…लोग सोशल मीडिया पर अपना टाइम खफा रहे हैं..तो अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है…हम बात कर रहे हैं…चिरायु वर्मा की…जिनकी सफलता की कहानी बहुत ही दिलचस्प है…और बहुत की रोचक भी…चिरायु की उम्र तो कम है..लेकिन मुकाम और मंजिल उम्र से बहुतों ऊपर हैं.,.,और पहली सीढ़ी जब मिली है तो खुशी का ठिकाना नहीं है…पूरा परिवार में जश्न में है…,

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में रहने वाले चिरायु वर्मा अपने नाम एक रिकॉर्ड दर्ज कराया है….13 साल के चिरायु ने योग के पूर्ण मत्स्येन्द्रासन को होल्ड करके इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है… शारदा पब्लिक स्कूल में 9वीं में पढ़ने वाले चिरायु ने इस आसन को करके अल्मोड़ा का ही नाम नहीं बल्कि उत्तराखंड का नाम भी रोशन किया है…. इस आसन को उन्होंने एक घंटा पांच मिनट 30 सेकंड तक होल्ड किया था….चिरायु की इस कामयाबी के पीछे अब लोग तरीफ कर रहे हैं…और सलाम भी कर रहे हैं कि..कम उम्र में ही चिरायु ने बड़ा काम किया है…और अगर ये उम्र और बड़ी होती या आने वाले भविष्य में मौका मिलता रहा तो चिरायु और भी बेहतर कुछ कर पाएंगे…चिरायु ने इस कामयाबी के लिए कब मूड बनाया…ौर कैसे धीरे धीरे यहां तक पहुंचे.,,.इसके पीछे की कहानी भी दिलचस्प है…उसे भी आपको जानना चाहिए…तो अगरे एक मिनट तक आप हमारे साथ बने रहिए.,.,

दो साल पहले तक चिरायु को योग में कोई रुचि नहीं थी….चिरायु को इसके लिए प्रोत्साहित किया गया और उन्हें ट्रेनिंग दी गई…. चिरायु के गुरू कहते हैं कि.,.,करीब डेढ़ साल से चिरायु को इस योगासन का अभ्यास करा रहे थे… चिरायु करीब दो घंटे प्रैक्टिस किया करते थे….पूर्ण मत्स्येन्द्रासन आसन में रिकॉर्ड दर्ज करने के बाद स्कूल के टीचर और अभिभावक काफी खुश हैं…उन्होंने आगे कहा किवर्तमान में स्कूल के और बच्चे भी योग में बेहतर कार्य कर रहे हैं…इससे पहले जिला और राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर चुके हैं…इससे पहले विनय कंवल को सूर्यपुत्र अवॉर्ड भी मिल चुका है…चिरायु वर्मा ने कहा कि उन्होंने पूर्ण मत्स्येन्द्रासन में रिकॉर्ड दर्ज किया है….इस आसन की प्रैक्टिस वह रोजाना दो घंटे किया करते थे…योग टीचर चंदन सिंह ने उनपर काफी मेहनत की है….स्कूल की प्रिंसिपल विनीता शेखर ने भी उन्हें काफी प्रोत्साहित किया…जिस तरह से उन्होंने इस रिकॉर्ड को दर्ज किया है…आगे वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज कराना चाहते हैं….इस आसन को करने में काफी कठिनाई आई…पर हर मुश्किल काम के बाद सफलता मिलने की खुशी अलग है