भारत में जन्मे दुनिया के पहले लव गुरु से मीलिए | Vātsyāyana | Valentine’s Day | Uttarakhand News

Share

दुनिया का पहला लव गुरु… भारत से क्या है कनेक्शन… सुनेंगे तो भारतीय होने पर करेंगे प्राउड
जब दुनिया को नहीं थी प्यार की समझ… तब उस लव गुरु ने रिसर्च के साथ लिखी ऐसी किताब… जो आज भी है प्रासंगिक
भारत के इस लव गुरु की ओर से लिखी गई किताब के नाम दर्ज है बड़ा रिकार्ड… दुनिया की बेस्ट सेलिंग किताब अब तक नहीं पाई है पछाड़

वैलाइन डे की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है… पश्चिमी देशों के साथ अब ये भारतीय जनजीवन का भी अहम हिस्सा हो गया… ऐसे इसलिए क्योंकि इसे प्यार का हफ्ता कहा जाता है… लेकिन क्या आप जानते हैं… प्राचीन भारत में प्यार का इजहार के लिए एक खास तरह का उत्सव मनाया जाता था… उस काल में भारत के पास वास्तव में एक असली लव गुरु भी थे… जिनके बारे में कहा जाता है… वो ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के पहले लव गुरु थे… जिन्होंने पूरी तरह से रिसर्च करके बताया… लव आखिर क्या है… रिश्तों में प्यार की गर्माहट को कैसे बनाकर रखना है… प्यार के संबंधों को बताने के लिए उन्होंने बकायादा एक ग्रंथ भी लिखा…. ये लव गुरु कोई और नहीं बल्कि महर्षि वात्साययन थे, जिन्होंने प्यार को जाहिर करने वाला एक महान ग्रंथ लिखा, जिसका नाम था कामसूत्र, जो अपने कंटेंट को लेकर दुनियाभर में सदाबहार हिट बन गया..
कामसूत्र एक ऐसी किताब है… जो दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब है… कामसूत्र के लेखक महर्षि वात्स्यायन हैं… उन्होंने कामसूत्र जैसी ऐसी पुस्तक की रचना की जो प्यार, मधुर संबंधों के बारे में विस्तार से बताती है… कहा जाता है कि ये किताब प्यार के बारे में बहुत सी ऐसी जानकारियां देती है, जो सदियों बाद प्रासंगिक है… बनारस में काफी वक्त गुज़ारने वाले वात्स्यायन ऋषि को बहुत ज्ञानी माना जाता है जिन्हें वेदों की भी बहुत अच्छी समझ थी… महर्षि वात्स्यायन ने पहली बार वैज्ञानिक तौर पर बताया कि आकर्षण का विज्ञान आखिर क्या है… उनका मानना था कि जिस तरह हम जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं की बात करते हैं, उसी तरह हमें सेक्स की भी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए… वात्स्यायन धार्मिक शिक्षाओं से जुड़े हुए थे. महर्षि प्यार और सेक्स को लेकर तब किताब लिखी, जब इस पर ना तो कुछ लिखा गया और ना ही खुलकर इस पर ज्यादा चर्चा होती थी… तो महर्षि वात्सायन हमारे ऐसे लव गुरु हैं, जो जमाने से बहुत आगे थे…
कहा जाता है कि वात्स्यायन ने कामसूत्र को नगरवधुओं से बात करके लिखा… मशहूर लेखिका वेंडी डोनिगर ने अपनी किताब “रिडिमिंग द कामसूत्रा” में विस्तार से महर्षि वात्सयायन के बारे में भी बताया है… कामसूत्र की असल किताब जीवन जीने की कला यानि आर्ट ऑफ लिविंग की तरह देखना चाहिए… और इसे रूप में भी प्यार का जीवन में क्या महत्व है, हमें इसके संकेतों को कैसे जानना चाहिए, कैसे किसी के दिल में जगह बनानी चाहिए…इतिहासकारों के मुताबिक वात्स्यायन को लगा कि प्यार और सेक्स जैसे जरूरी विषय पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए… इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती… उन्होंने अपने किताब के माध्यम से इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश की कि लोग इस संबंध में बेहतर जानकारी हासिल कर सकें… आज भी दुनियाभर के लोग इस किताब को रेफर करते हैं… हज़ारों साल बाद भी ये प्रासंगिक है… वात्स्यायन महान दार्शनिक भी थे… उन्होंने न्याय सूत्र नामक किताब भी लिखी… ये किताब आमतौर पर आध्यात्मिक उदारवाद पर थी जो जन्म और जीवन पर आधारित है… ये मोक्ष की भी बात करती है. ये शानदार किताब है, जो ये बताती है कि वात्स्यायन कितनी विलक्षण बुद्धि के थे. हालांकि इस किताब पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई…