सीधे और सरल शब्दों में जान लीजिए,UCC से Uttarakhand में आम जिंदगियों पर क्या होगा असर ? Uniform Civil Code

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  • सीधे और सरल शब्दों में जान लीजिए… उत्तराखंड में UCC Bill लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा, किस पर क्या असर होगा?
    शादी, तलाक, लिव-इन, विरासत, उत्तराधिकार समेत क्या-क्या? 9 पॉइंट्स में समझे यूनिफार्म सिविल कोड

    उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता विधेयक को गोवा में 157 साल पहले बने कानून से बेहतर होने का दावा किया जा रहा है… दावा है कि गोवा में कैथोलिक ईसाइयों और दूसरे समुदायों के लिए अलग- अलग नियम हैं… इसके उलट उत्तराखंड के यूसीसी में सभी के लिए समान अधिकार प्रस्तावित किए गए हैं… उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्य कमिटी बनाई थी… कमिटी ने गोवा के यूनिफॉर्म सिविल कोड का गहरा अध्ययन किया… इसके सभी विधिक पहलुओं का आकलन किया। इसके बाद ही समिति ने उत्तराखंड को लेकर यूसीसी के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में सिफारिशें की हैं… बहरहाल आजादी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है… जहां आजादी के बाद यूसीसी लागू किया जाएगा है… अब यूसीसी लागू होने से क्या बदलाव होने वाले हैं, इसका आम लोगों पर क्या असर पड़ने वाला है…

  • UCC लागू होने के बाद पति-पत्नी को तलाक का बराबर हक मिलेगा… यानी सभी धर्मों के लिए तलाक की एक ही नीति होगीसभी धर्मों में शादी के बाद रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. बिना रजिस्ट्रेशन के शादी अमान्य मानी जाएगी… साथ ही किसी भी प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा.
  • शादी के अलावा लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल को भी रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा… इसके साथ ही माता-पिता को भी रिलेशन के बारे में बताया होगा. पुलिस में भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा…
  • सभी बच्चों का संपत्ति पर बराबर अधिकार होगा. साथ ही लिवइन रिलेशन में पैदा हुए बच्चों को भी संपत्ति में समान अधिकार होगा.
  • बहु विवाद पर रोक रहेगी. यानी कि पति या पत्नी के जीवित होने पर दूसरी शादी नहीं की जा सकती. केवल एक ही शादी मान्य मानी जाएगी
  • संपत्ति में लड़कियों को बराबर का अधिकार मिलेगा… इसके तहत घर हर धर्म के लिए घर की संपत्ति में बेटियों को बराबर का अधिकार होगा
  • हर धर्म में शादी के लिए एक ही कानून होगा. शादी का जो कानून हिंदूओं के लिए है, वही दूसरों के लिए भी होगा… ऐसे में मुस्लिमों को 4 शादियां करने की छूट नहीं मिलेगी.
  • UCC लागू होने से किसी धर्म की मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ना ही रिति-रिवाजों पर कोई असर होगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है
  • UCC कानून के तहत उत्तराखंड के सभी लोगों के लिए शादी, तलाक, संपत्ति, उत्तराधिकार के समान कानून हो जाएंगे… इसमें सभी धर्म के लोगों के लिए समान कानून होंगे

    बहरहाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड विधानसभा में यूनिफार्म सिविल कोड के बिल को पेश कर दिया…हालांकि, इस बिल को लेकर लोगों में उत्सुकता भी देखने को मिल रही है. जहां मुस्लिम नेता इस बिल को कुरान के खिलाफ बताकर मानने से इनकार कर रहे हैं, तो वहीं आम जनता इसे ऐतिहासिक कदम बता रही है… इस बिल के लागू होते ही सभी धर्मों में महिलाओं के अधिकार एक समान हो जायेंगे… विवाह की उम्र सभी सम्प्रदायों के लिए 21 साल होगी, जो कि वर्तमान में 18 साल है… इसके अलावा इस बिल में गोद लेने, तलाक लेने, और पैतृक सम्पत्तियों में महिलाओं के अधिकार का भी प्रावधान किया गया है… शादी के नियमों का उल्लंघन करने पर 6 महीने की सजा और 50 हजार का जुर्माना भी… एक से अधिक पत्नियों वाले पुरुष को डायवोर्स लेने के दौरान पत्नी को अदालती कार्रवाई का खर्चा देना होगा… कुल मिलाकर उत्तराखंड सरकार ने सभी धर्मों के मानने वाले लोगों के लिए एक ही कानून बनाने का प्रयास किया है…