उत्तराखंड के 50 नेता हिमाचल के 19 जिलों में भरेंगे चुनावी हुंकार

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देहरादून: हिमाचल में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उत्तराखंड उसका पड़ोसी राज्य तो है ही, हिमाचल के कई इलाकों के लोगों का इस प्रदेश से रोटी-बेटी का नाता भी है। उत्तराखंड में 13 जिले और विधानसभा की 70 सीटें हैं, तो हिमाचल में 12 जिले और 68 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 42 सीटों के साथ वर्तमान में बीजेपी सत्ता में है। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिस तरह से तमाम मिथकों को तोड़ते हुए वापसी की, पार्टी हिमाचल में भी ऐसा ही इतिहास दोहराना चाहती है। इसके मद्देनजर प्रदेश भाजपा ने हिमाचल चुनाव के लिए कार्ययोजना बना ली है।

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने दावा किया कि हिमाचल में सरकार ने अच्छा काम किया है। वहां बीजेपी भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी। जोशी ने कहा कि विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों में पार्टी कार्यकर्ता भेजे जाते रहे हैं। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब भी अन्य राज्यों के साथ-साथ हिमाचल से कार्यकर्ता पहुंचे थे। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए उत्तराखंड से 50 नेताओं को हिमाचल प्रदेश भेजा जा रहा है। ये सभी नेता उत्तराखंड से लगी शिमला संसदीय क्षेत्र समेत करीब 19 विधानसभाओं की कमान संभालेंगे।

हिमाचल के तीन जिले शिमला, सोलन और सिरमौर उत्तराखंड से लगे हुए हैं। इसके अलावा यहां की कोटखाई, जुब्बल, चोपाल, ठियोग, रामपुर जैसी विधानसभा सीटों पर भी उत्तराखंड के रहने वाले वोटरों का खासा प्रभाव है। चुनाव में उत्तराखंड की सियासी हवाएं यहां अपना असर दिखाती आई हैं। पार्टी को उम्मीद है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी यह असर देखा जा सकता है। हिमाचल दौरे के लिए प्रांत प्रमुख बनाए गए उत्तराखंड बीजेपी के नेता आदित्य कोठारी का कहना है कि 11 लोगों की टीम पहले ही हिमाचल भेजी जा चुकी है। अगले कुछ दिनों में अन्य नेता भी हिमाचल पहुंच जाएंगे। चुनाव समाप्त होने तक कार्यकर्ता वहां डेरा डाले रहेंगे।

दरअसल, हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इस चुनाव को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में भी देखा जाएगा। बीजेपी इसी को ध्यान में रखकर सारी तैयारियां कर रही है। इसके अलावा हिमाचल के पड़ोसी राज्य पंजाब में सत्ता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी भी प्रदेश में तेजी से पैर पसार रही है।