पिछले एक साल से चल रहे पेपर लीक के तमाम मामलों में जांच एजेंसियों के रडार पर आए अभ्यर्थियों को आगामी सभी परीक्षाओं से अगले पांच साल तक प्रतिबंधित किया गया था। यानी एक तरह से इन अभ्यर्थियों को अगले पांच साल तक डिबार्ड किया गया था, लेकिन जुलाई में होने वाली है स्नातक स्तर की परीक्षा के लिए जारी हुए एडमिट कार्ड की प्रक्रिया में इन छात्रों का भी एडमिट कार्ड आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दिए गए हैं। हालांकि, इसके बाद तुरंत आयोग ने अपने वेबसाइट से एडमिट कार्ड का लिंक हटा दिया है। आयोग द्वारा इन छात्रों का एडमिट कार्ड गलती से पुराने डेटा के अनुसार जारी किया गया था और जब तक आयोग को अपनी गलती का एहसास हुआ, तब तक कई डिबार्ड छात्रों द्वारा अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर दिया गया था। हालांकि, इसके बाद तुरंत आयोग ने अपने वेबसाइट से एडमिट कार्ड का लिंक हटा दिया।
बता दें कि, पिछले एक साल से चल रहे पेपर लीक मामले में अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में जांच के दौरान एसटीएफ ने तकरीबन 200 ऐसे छात्रों को चिन्हित किया है, जो पेपर लीक में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लिप्त थे। इन छात्रों को जांच एजेंसियों ने अपने रडार पर रखा है। वहीं, इन्हीं छात्रों को आयोग ने अपने सभी एग्जाम के लिए अगले पांच सालों तक प्रतिबंधित किया है। वहीं, इसी बीच आगामी जुलाई में होने वाली स्नातक स्तर की परीक्षा के लिए इन छात्रों का प्रवेश पत्र गलती से जारी कर दिया गया। इस पूरे प्रक्रिया से जहां एक तरफ अभ्यर्थियों में अपने प्रवेश पत्र को लेकर के कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है, तो वहीं आयोग की तरफ से भी इसका खंडन किया गया है। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि गलती से आयोग के पुराने डाटा के अनुसार एडमिट कार्ड जारी हो गए थे और जैसे ही गलती का पता लगा डाउनलोड लिंक तुरंत हटा दिया गया। उन्होंने बताया कि एक बार फिर से डाउनलोड लिंक वेबसाइट पर उपलब्ध कर दिया जाएगा। उन्होंने प्रतिबंधित छात्रों से अपील की है कि अगर वो अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड भी कर चुके हैं तो कृपया परीक्षा केंद्र न आएं, उनको परीक्षा नहीं देने दी जाएगी।