उत्तराखंड में शराब महंगी क्या हुई, शराब माफिया ने तो मानो फिल्मी स्टाइल में तस्करी की पूरी स्क्रिप्ट ही बदल दिया गाड़ियों के गुप्त चैंबर। खुला तो आबकारी वाले भी देखते रह गये। कैसे बढ़ी शराब की कीमतें, कैसे बढ़ी तस्करी और कैसे बढ़ा खतरा? पूरा सच बताउंगा आपको। दोस्तो उत्तराखंड में बीते कुछ महिनों शराब की चर्चा खूब हो रही है। कई गांव ऐसे हैं जो मिसाल बन रहे हैं, जहां शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई तो कहीं आपने ये भी देखा होगा कि एक शराब के ठेके को बचाने के लिए पूरा का पूरा आबकारी विभाग जुट गया। यहां तक पुलिस की निगरानी में जाम बेचा जाने लगा। इन सब से इतर दो तस्वीरें मेरे सामने फिर आई हैं तो सोचा आपको बता दूं। पहला ये कि प्रदेश में शराब का जाम अब महंगा हो गया है। दूसरा शराब तस्करी का ऐसा अंदाज जिसे देख कर आबकारी वाले भी हैरान दिखाई दिए। दोस्तो आबकारी विभाग द्वारा शराब पर लगाए जाने वाले वैट (VAT) को लेकर अब स्थिति साफ हो गई है। अब तक शराब पर वैट का फार्मूला एक्साइज ड्यूटी से पहले का था। जिसे बदलकर विभाग ने संशोधित कर दिया है। हालांकि, पिछले फैसले के कारण राज्य को कम मिले राजस्व पर कोई बात नहीं हो रही है। दरअसल, नई आबकारी नीति लागू करते समय विभाग ने वैट को एक्साइज ड्यूटी से पहले ही जोड़ दिया था, जो कुल बिक्री के अनुरूप राजस्व प्राप्ति में कमी का कारण बन गया।
दोस्तो खास बात ये है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति में बदलाव किया गया था, जिसमें वैट को आखिरी में लगाने के बजाय एक्साइज ड्यूटी से पहले लगा दिया गया। गौर इस बात पर कीजिएगा कि आबकारी विभाग वर्ष 2025-26 में 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व कमाने का दावा कर रहा था, लेकिन वैट निर्धारण की नई व्यवस्था ने शराब बिक्री के लिहाज से राजस्व को कम किया। यानी दोस्तो एक्साइज ड्यूटी पर लगने वाला वैट राज्य को मिल ही नहीं पाया। जब वित्त विभाग ने इस पर गंभीर आपत्ति उठाई और विस्तृत क्वेरी लगाई, तब जाकर आबकारी विभाग को अपने वैट फार्मूले में बदलाव करना पड़ा और शराब महंगी हो गई लेकिन एक और दूसरी तस्वीर आपको दिखाता हूं। दोस्तो तीर्थ नगरी ऋषिकेष में शराब के ठेके पर हुए बवाल के बाद अब कि ये तस्वीर देखिए। ये तस्वीर भी ऋिषिकेश सामने आई दरअसल दोस्तो आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 25 पेटी शराब बरामद की। तस्करी में शामिल दो युवकों को भी गिरफ्तार किया। शराब तस्करों ने फिल्मी स्टाइल में गाड़ियों के कोने कोने में शराब छुपाई हुई थी। आबकारी इंस्पेक्टर कि माने तो मुखबिर की सूचना पर विभाग द्वारा जब छिद्दरवाला तीन पानी फ्लाईओवर के पास चेकिंग के दौरान वाहन रोके गए तो उसमें बड़ी मात्रा में वाहन के हर एक कोने से शराब बरामद की गई। विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए दो अभियुक्तों को मौके से से गिरफ्तार किया गया है। मौके पर पहुंची आबकरी कमिश्नर अनुराधा पाल ने बताया कि यह शराब पहाड़ी क्षेत्र चम्बा में खेप के लिए जा रही थी। बरामद की गई शराब इंपीरियल, रॉयल स्टैग और किंगफिशर ब्रांड की है। जो चंडीगढ़ से लाई जा रही थी। शराब छुपाने के लिए पूरी गाड़ी को ट्रांसफॉर्म किया गया था।
दोस्तो तस्वीर को देख कर आपको अंदाजा लग गया होगा कि शराब की तस्करी कितने शातिराना अंदाज में अंजाम दी जा रही है। दोस्तो शराब महंगी हुई, और तस्करों ने अपने हथकंडों को इतना फिल्मी बना दिया कि आबकारी विभाग भी दंग रह गया, लेकिन याद रखिए—ये कहानी अभी खत्म नहीं हुई है क्योंकि तस्करों के पास नए जुगाड़ है और विभाग के पास नए ट्रैप सवाल तीर्थ नगरी में शराब और उसकी तस्करी को लेकर भी होना चाहिए। जहां शराब पर पाबंदी है वहां कैसे शराब माफिया अपने मंसूबों में कामयाब हो जाता है। वैसे शराब को लेकर तीर्थ स्थलों के लोग काफी मुखर रहते हैं अभी आपने देखा होगा कि उर्गम घाटी के लोगों ने गढवाली गायिका प्रियंका मेहर को सिर्फ इस लिए नोटिस भेज दिया क्योंकि उन्होने अपने एक गाने में उर्गम में शराब का जिक्र किया था। उस नोटिस में कहा गया था कि ये देवभूमि और तीर्थ स्थोलों का अपमान है, लेकिन वहीं दूसरी चार धाम मार्गों पर रेवन्यू के दूसरे सबसे बड़े सोर्स पर बहस कभी कोई करना ही नहीं चाहता ऐसा क्यों।