Big breaking:-कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम बदले जाने को लेकर वन मंत्री हरक सिंह की ना , कहा इसकी ना जरूरत है ना औचित्य

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विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट पार्क का नाम बदले जाने को लेकर केंद्र और राज्य के वन मंत्रियों की राय जुदा-जुदा है। जहां पिछले दिनों केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने जिम कॉर्बेट का नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क रखे जाने के संकेत दिए, वहीं राज्य के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत इस संभावना से खुलकर असहमति जता दी। उनका कहना है कि इसकी न तो कोई जरूरत है और ना ही राज्य की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव केंद्र को गया है। कहा-जिम कॉर्बेट का नाम विश्वविख्यात है। इसलिए पार्क का नाम बदले जाने को कोई औचित्य नहीं है

पिछले दिनों केंद्रीय राज्य मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अश्वनी कुमार चौबे ने कॉर्बेट नेशनल पार्क का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने वन अधिकारियों से इसके बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों के साथ बातचीत में पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क रखे जाने पर भी चर्चा की। इतना ही नहीं जाते हुए उन्होंने पार्क की विजिटर बुक पर अपने अनुभव लिखे तो इसमें पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क ही लिखा। माना जा रहा है कि  केंद्र सरकार जल्द ही जिम कार्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क रखने की घोषणा कर सकती है।

इस संबंध में प्रदेश के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने  बताया कि जिम कॉर्बेट को कुमाऊं या गढ़वाल से नहीं जोड़ा जा सकता। यह पार्क दुनिया में अपनी पहचान रखता है। यह प्रश्न ही औचित्यहीन है। इस बारे में राज्य सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं गया है और न ही केंद्र की ओर से राज्य के पास ऐसा कोई प्रस्ताव आया है।

केंद्रीय मंत्री ने पार्क की विजिटर बुक में पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क क्यों लिखा, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा की यदि केंद्र की ओर से वाकई में ऐसा प्रस्ताव है तो जिम कॉर्बेट के साथ रामगंगा नाम भी जोड़ा जा सकता है, लेकिन जिम कॉर्बेट नाम ही हटा देना किसी भी तरह से सही नहीं है। इधर, सूत्रों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार अपने स्तर से नाम बदलती भी है तो उसे प्रस्ताव पर राज्य सरकार की मंजूरी भी लेनी होगी। बहरहाल, कॉर्बेट पार्क के नाम पर प्रदेश में एक ही पार्टी के भीतर पक्ष-विपक्ष की राजनीति शुरू हो चुकी है