उत्तराखंड: निशुल्क इलाज वाली आयुष्मान योजना में हुआ बड़ा बदलाव, स्वास्थ्य प्राधिकरण अध्यक्ष ने दी जानकारी

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देहरादून: उत्तराखंड में संचालित आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब नियम के मुताबिक मरीजों को निजी अस्पतालों के लिए रेफर किया जाएगा। दरअसल, हाल ही में आयुष्मान योजना के अंतर्गत रेफरल व्यवस्था को लेकर एक ऑडिट करवाया गया था। ऑडिट के बाद जो खुलासा हुआ वो चौंकाने वाला था। इसमें 305 मामलों की जांच कराई गई तो ऑडिट में यह पता चला कि 75 मामलों में रेफरल अप्रूवल नियम के मुताबित ही नहीं किया गया है। आपको बता दें कि इस मामले को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने बेहद गंभीरता से लिया है।

अब इस मामले में शासन को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जा रही है. दरअसल, आयुष्मान योजना के अंतर्गत किसी प्राइवेट अस्पताल में रेफर करने के लिए बकायदा नियम बनाए गए हैं। इन्हीं नियमों का पालन करने के बाद ही, किसी जरूरतमंद को प्राइवेट अस्पतालों में रेफर किया जा सकता है। वह भी तब जब सरकारी अस्पताल या मेडिकल कॉलेजों में लाभार्थी की बीमारी के हिसाब से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध न हो पा रही हो।

आपको बता दें कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जब ऑडिट कराया तो खुद प्राधिकरण भी चौंक गया। सवाल ये है कि आखिर कैसे नियमों को ताक पर रखकर इन 74 मामलों में रेफरल अप्रूवल दे दिया गया। इसी के चलते हो सकता है कि आने वाले दिनों में नियमों में कुछ चेंजेस किए जा सकते हैं। लिहाजा अब सरकारी अस्पतालों से मरीजों को आसानी से निजी अस्पतालों के लिए रेफर नहीं करवाया जा सकेगा।

 

दरअसल, हर साल सरकार राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर करोड़ों रुपये खर्च करती है। इसके अलावा प्रदेश में हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए आयुष्मान योजना भी चलाई गई। इस योजना के तहत सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रहीं हैं। ऐसे में उन्हें निजी अस्पताल को रेफर किए जाने की व्यवस्था है, लेकिन कुछ मामलों में ये देखा गया है कि नियम को ताक पर रखकर, सीधे प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया जा रहा है। इस मामले में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य प्राधिकरण सख्त हो गया है।