देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में पेपर लीक मामले में आये दिन नए खुलासे हो रहे है पहले करीब 27 ऐसे अभ्यर्थियों के नाम सामने आए थे, जिन्होंने नकल करके विभिन्न परीक्षाएं पास कीं और नौकरी हासिल की। वहीँ अब UKSSSC की परीक्षा में पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई और परीक्षाओं में भी नकल की बात सामने आई है। हालांकि, मामले पुराने होने के चलते पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में कार्रवाई नहीं हो पा रही है। वहीं सूत्रों के अनुसार, अब कोर्ट के कर्मचारियों ने भी एसटीएफ के सामने नकल की बात स्वीकारी है। बताया जा रहा है कि वह खुद परीक्षाओं में नकल से ही पास हुए हैं। यही नहीं, कई कर्मचारियों के पास पर्याप्त अर्हता भी नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, यदि जांच हुई तो प्रदेश के कई बड़े दफ्तरों से ऐसे कर्मचारी गायब हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि इन्होंने हरिद्वार के कुछ नकल माफिया के साथ मिलकर चार परीक्षाओं में पेपर लीक कराए थे। ये परीक्षाएं बीते कुछ वर्षों में ही हुई हैं। नकल माफिया में से कुछ पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाइयां भी की गई हैं। हालांकि, पूछताछ के आधार पर एसटीएफ इन आरोपियों तक पहुंच पाती है या साक्ष्य मिलते हैं या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बताया जा रहा है कि यदि नकल मफिया पकड़े जाते हैं तो कई बड़े नाम और सामने आएंगे। विभाग के अंदर सेवानिवृत्त कर्मचारी और अधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत की बात सामने आ रही है।
वही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले की आंच उत्तरकाशी भी पहुंच गई है। उत्तरकाशी जिला पंचायत के एक जनप्रतिनिधि की भूमिका भी सामने आ रही है। क्षेत्र विशेष में इस व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिलाने की गारंटी लेने वाले के रूप में जाना जाता है। आधिकारिक तौर पर इस जनप्रतिनिधि का नाम अभी नहीं लिया जा रहा है, लेकिन एसटीएफ अभी तक जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर उसकी भूमिका का पता लगाने के लिए कड़ियां जोड़ रही हैं। बताया जा रहा कि इस जनप्रतिनिधि की सत्ता प्रतिष्ठान में नेताओं से लेकर नौकरशाहों के बीच गहरी पैठ है।
इन दिनों यह वह देश के बाहर है, उसके चार दिन बाद भारत लौटने की सूचना है। उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ इसके बाद उसे पूछताछ के लिए बुला सकती है। यह विवादित जनप्रतिनिधि भाजपा से जुड़ा बताया जा रहा है। जिला पंचायत का चुनाव वह भाजपा प्रत्याशी के रूप में लड़ा था। भाजपा के एक पूर्व सीएम से उसकी काफी घनिष्ठता बताई जाती है।