उत्तराखंड में सबसे बड़े रहस्य से हटा पर्दा.. प्राचीन एकमुखी शिवलिंग मिलने से लोग हैरान !

उत्तराखंड में मिले एक और महादेव...लोग कहने लगे हर हर महादेव ! भू धंसाव से मिट्टी कट गई तो भीतर से निकल आए महादेव तो लगे जयकारे ! उत्तराखंड में सबसे बड़े रहस्य से हटा पर्दा..सालों पुराना शिवलिंग आया तो लोग हैरान !

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Almora (Uttarakhand) News: एक औऱ महादेव के दर्शन के लिए तैयार हो जाइए…उत्तराखंड में एक बड़ा रहस्य सामने् आ गया है… देवभूमि तो अपने आप में देवों की भूमि है…तो यहां सनातनियों की आस्था क्यों न रहे…इस समय उत्तराखंड में भू धंसाव की वजहों की खोज की जा रही है..लेकिन महादेव मिल जाएंगे ये किसी ने नहीं सोचा था…उत्तराखंड में मंदिरों की कमी नहीं है…हर दूसरे मोड़ पर एक मंदिर मिल जाती है..सनातन में आस्था रखने वाले लोगों के लिए अब एक और महादेव मिल गए हैं…मतलब उत्तराखंड में एक और आस्था का मंदिर जन्म लेगा…जहां कई मंदिरों के बिलुप्त होने की खबरें आ रही थीं..वहीं अब नए मंदिरों के मिलने की भी खबर आ रही है…ये किसी अच्छे संकेत से कम नहीं है…उत्तराखंड पिछले कुछ सालों से मुसीबत झेल रहा है..ऐसे में लगता है कि महादेव ने उत्तराखंड को बचाने के लिए कलयुग में शिवलिंग बनकर जन्म ले लिया है…कहते हैं कि..आस्था रखों को भगवान कहीं भी मिल जाते हैं…अल्मोड़ा लोगों के साथ भी कुछ ऐसा ही है…आस्था थी…औऱ लंबे समय से अपने शिव को ढूंढ रहे थे…लेकिन शिव जब मिले तो लोगों के चेहरे पर खुशी का ठिकाना नहीं था…उत्तराखंड में पर्यटक मौसम का लुत्फ उठाते हैं…तो श्रद्धालु भी दर्शन करने आते हैं…सनातन के भक्तों के लिए एक औऱ आस्था का केंद्र मिल गया है…

अल्मोड़ा के गेवाड़ घाटी के हाट गांव के नौला गधेरे में एक प्राचीन शिवलिंग मिलने से लोगों में चर्चा है…पूरा गांव इस समय दर्शन को निकल पड़ा है…शिवलिंग को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी पहुंच रही है…इस शिवलिंग के मिलने के पीछे भी एक बड़ी दिलचस्प कहानी है…. ग्रामीणों का कहना है कि..करीब चार दशक पहले यह मूर्ति नौला गधेरे में आई बाढ़ के चलते मलबे में दब गई थी…. इस बार बरसात में गधेरे के भू-कटाव से शिवलिंग का ऊपरी हिस्सा फिर प्रकट हो गया….. भारी होने से पूरी तरह से जमीन से बाहर नहीं निकल सका…. ग्रामवासियों ने खुदाई कर शिवलिंग के एक बड़े भाग को बाहर निकाल लिया….लेकिन अधिक वजन के चलते शिवलिंग पूरी तरह जमीन से बाहर नहीं निकल सका…. इसके बाद मानव जनकल्याण समिति ने लोडर की मदद से शिवलिंग को जमीन से सुरक्षित निकाल लिया…अब शिवलिंग को लेकर अलग अलग तरह की डिमांड भी होने लगी है…कोई पूजा करने के लिए रखवाना चाहता है..तो पुरातत्व विभाग अपने् पास रखना चाहता है…

पुरातत्व विभाग की टीम ने शिवलिंग का अवलोकन करने के बाद इसके नौवीं-दसवीं शताब्दी का होने का अनुमान लगाया है.... शिवलिंग के होने की सूचना मिलते ही वहां लोगों की भीड़ जमा हो रखी है…. जो कि उनके दर्शन करने के लिए उत्सुक है….शिवलिंग के दर्शन करने को लगातार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं… यह मूर्ति करीब चार फीट लंबी औऱ छह क्विंटल वजनी है….. इसके लिए जगह चुनने का कार्य चल रहा है…दरअसल बीते 14 सितंबर को चौखुटिया के हाट गांव के गधेरे में प्राचीन एकमुखी शिवलिंग मिला था….क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डा. सीएस चौहान के नेतृत्व में मूर्ति का अवलोकन करने गई टीम ने ग्रामीणों को इस शिवलिंग को अल्मोड़ा संग्रहालय में रखने का सुझाव दिया....वहीं ग्रामीणों का कहना है कि शिवलिंग लोगों की श्रद्धा व मान्यता से जुड़ा है…. ग्रामीणों ने इसे मन्दिर में स्थापित करने का सुझाव दिया है…आपको बता दें कि.,.बीते कुछ सालों से उत्तराखंड में कहीं कहीं भू धंसाव औऱ कटान जारी है..ऐसे में जमीन से कई चीजें भी मिलते रहते हैं…पुरातत्व विभाग भी शिवलिंग को लेकर काफी सजह हो चुका है.,..