उत्तराखंड की राजनीति में पिछले चार वर्षों में एक बात लगातार साफ होती जा रही है सीएम पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व न केवल सशक्त है, बल्कि भाजपा के लिए लगातार जीत की गारंटी भी बन चुका है। BJP’s victory in Zilla Panchayat विधानसभा उपचुनाव से लेकर लोकसभा, नगर निकाय और अब पंचायत चुनाव तक, धामी की धुंआधार पारी ने विपक्ष को चारों खाने चित कर दिया है। गुरुवार को जब जिला पंचायत चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए, तो पहाड़ से लेकर मैदान तक भाजपा के कमल ने जीत का परचम लहराना शुरू कर दिया। इस बार हुए 12 जिला पंचायत सीटों के चुनाव में भाजपा ने 10 सीटों पर विजय हासिल की, जिनमें से 5 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके थे। गुरुवार को हुए चुनाव में रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा में भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की जबकि, उत्तरकाशी, चंपावत, टिहरी, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर में भाजपा उम्मीदवार पहले ही जीत दर्ज कर चुके थे, इसके साथ ही नैनीताल पर अभी दुबारा मतगणना होनी है, जिस कारण इस सीट का रिजल्ट होल्ड पर रखा गया है।
वहीं हरिद्वार जिला पंचायत सीट पहले से ही भाजपा के कब्जे में है। देहरादून में भी भाजपा ने कांटे की टक्कर दी। यही नहीं, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधान के चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा, हरिद्वार की छह सीटों को छोड़कर प्रदेश की 89 ब्लॉक प्रमुख सीटों पर चुनाव हुए, जिनमें भाजपा ने 75 प्रतिशत से अधिक सीटों पर कब्जा जमाया। चुनाव के बाद जैसे ही नतीजे आने शुरू हुए तो, भाजपा की आंधी के सामने कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार कहीं ठहर नहीं पाए। जबकि ग्राम प्रधान की 85 प्रतिशत सीट पर भाजपा का कब्जा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा की यह विराट जीत 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल है। यह साफ संकेत है कि उत्तराखंड की जनता सीएम धामी के नेतृत्व पर न केवल भरोसा करती है, बल्कि भाजपा की नीतियों को ही प्रदेश के विकास की राह मानती है। यह परिणाम विपक्ष के लिए स्पष्ट चेतावनी है कि आने वाले चुनावी महासंग्राम में मुकाबला आसान नहीं होगा।