मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल में आयोजित विंटर कार्निवाल में किया प्रतिभाग

Spread the love

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को पर्यटन नगरी नैनीताल में आयोजित विंटर कार्निवाल में प्रतिभाग किया। उन्होंने शीतकालीन पर्यटन को जन आंदोलन बनाने और उत्तराखंड को समृद्ध एवं आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि शीतकालीन पर्यटन आत्मनिर्भर उत्तराखंड की मजबूत नींव है। Winter Carnival held in Nainital उन्होंने कहा कि नैनीताल कार्निवाल उत्तराखंड की आस्था, संस्कृति, परंपरा और स्वाभिमान का उत्सव होने के साथ-साथ “विकास भी–विरासत भी” की सोच को साकार करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीतकालीन यात्रा के आह्वान से राज्य के सभी पर्यटन क्षेत्रों में शीतकालीन पर्यटन को लेकर अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। युवा ट्रेकिंग गाइड, होम-स्टे, होटल एवं पर्यटन से जुड़े अन्य कार्यों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रहे हैं और इन क्षेत्रों में पलायन में कमी आई है। उन्होंने कहा कि शीतकालीन पर्यटन से लोक कलाकारों, हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजनों और स्थानीय उत्पादों को नया बाजार मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नैनीताल में आयोजित विंटर कार्निवाल से क्षेत्र में बढ़ते पर्यटन विकास को और अधिक गति मिलेगी। उन्होंने नैनीताल विंटर कार्निवाल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह शीतकालीन कार्निवाल कई मायनों में विशेष है क्योंकि आज हम जहां एक ओर नैनीताल में इस भव्य विंटर कार्निवाल के लिए एकत्रित हुए हैं वहीं नैनीताल के समग्र विकास के लिए सैंकड़ों करोड़ रुपए की परियोजनाओं को भी जनता को समर्पित किया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नैनीताल जनपद के अंतर्गत 121 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 13 महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास का भी जिक्र करते हुए कहा कि नैनीताल जिला निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि नैनीताल की पावन भूमि पर सात वर्षों के लंबे अंतराल के बाद शीतकालीन कार्निवल का आयोजन इतने भव्य रूप में किया जा रहा है। इस शीतकालीन कार्निवल के माध्यम से जहां एक ओर यहां आने वाले लोगों को हमारी समृद्ध संस्कृति, परम्पराओं और प्राकृतिक सुंदरता को नजदीक से अनुभव करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। वहीं पर्यटक हमारी लोक संस्कृति, कारीगरी और पारंपरिक स्वाद से भी परिचित हो रहे हैं।