सूरजकुंड में चिंतन शिविर: साइबर इश्यू पर हुई बात, DGP अशोक कुमार ने दिया प्रेजेंटेशन

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देहरादून: सूरजकुंड चिंतन शिविर के दूसरे दिन गृह मंत्रालय ने चार राज्यों को साइबर इश्यू पर प्रेजेंटेशन देने को चुना। जिसमें उत्तराखंड को भी शामिल किया गया। जिसमें पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने उत्तराखंड राज्य पुलिस का प्रतिनिधित्व करते हुए साइबर विषयों पर प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि ज्यादातर साइबर अपराध (बैंक फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी आदि) रविवार के दिन होते हैं। लेकिन, इस दिन बैंकों की हेल्पलाइन बंद होती हैं। इससे त्वरित कार्रवाई करते हुए खातों से हुई ट्रांजेक्शन को रोकने में परेशानी होती है। लिहाजा, बैंकों की हेल्पलाइन को सातों दिन 24 घंटे चालू रखा जाए। ताकि, लोगों को त्वरित राहत दिलाई जा सके।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक ने वर्तमान में प्रचलित उत्तराखंड के ई-सुरक्षा के मॉडल को विस्तार से बताया गया। जिसके उनके द्वारा साल 2021 के पॉवर बैंक घोटाले एवं साल 2022 में फर्जी चाइनीज वेबसाइट के माध्यम से घोटालों में उत्तराखंड द्वारा पूरे देशभर में अभियोगों का अनावरण का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। उत्तराखंड राज्य द्वारा कुछ अच्छी पहलों पर भी प्रकाश डाला गया। जैसे कि राज्य में साइबर थाने में शून्य अभियोग पंजीकृत करना जिससे कि पीड़ित को तत्काल अभियोग पंजीकरण कर उस पर कार्यवाही करते हुए पीड़ित को न्याय दिलाया जा सके।

इन सबके अलावा डीजीपी की ओर से आईटी एक्ट कानून और साइबर क्राइम की विवेचना के संबंध कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। उन्होंने बताया कि अभी तक के ट्रेंड के अनुसार ज्यादातर साइबर फ्रॉड (जिनमें खाते से पैसा निकाला जाता है) रविवार को ही होते हैं। पुलिस चाहकर भी इनमें त्वरित कार्रवाई नहीं कर सकती है। क्योंकि, इस दिन बैंक और उनकी हेल्पलाइन बंद होती हैं। उन्होंने आईटी एक्ट को और मजबूत बनाने का सुझाव दिया। कहा कि अभी तक आईटी एक्ट में सात वर्ष से कम सजा का प्रावधान है। ऐसे में अपराधी इस बात का फायदा उठाकर आसानी से जमानत पा जाते हैं। लिहाजा, इस कानून को और अधिक कड़ा करते हुए इसमें सजा को बढ़ाया जाए।