उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक प्रकरण पर आंदोलनरत युवाओं के समर्थन में फैसला आ गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराए जाने को मंजूरी दे दी है। UKSSSC Paper Leak CBI Investigation मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में बुधवार को शहरी विकास से जुड़ी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी भर्ती परीक्षा के नाम पर राजनीति को लेकर विपक्ष के रवैये से क्षुब्ध दिखे। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक नकल के मामले की जानकारी मिलते ही सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार किया और पूरी परीक्षा की जांच के लिए एसआइटी गठित की। परंतु विपक्ष इस मामले की आड़ में हमारे युवाओं को ढाल बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश करने लगा। प्रदेश में अराजकता फैलाने के प्रयास किए जाने लगे।
21 सितंबर को हुए यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की वजह से राज्य में हड़कंप मच गया था। जिसकी मुख्य वजह यही थी कि धामी सरकार पहले ही राज्य में देश की सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर चुकी है। बावजूद इसके पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद हर कोई हैरान था। पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद सैकड़ों की संख्या में युवा देहरादून स्थित परेड ग्राउंड के समीप धरने पर बैठ गए। आठ दिन तक चले इस धरने के बाद 29 सितंबर का दिन उत्तराखंड की राजनीति और युवाओं के संघर्ष के इतिहास में दर्ज हो गया। जब खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक धरना स्थल पहुंचे और बेरोजगार युवाओं की मांग मानते हुए सीबीआई जांच की घोषणा कर दी थी। अब सीएम ने अपनी उस घोषणा के अमली जामा पहनाते हुए बुधवार को सीबीआई जांच के लिए औपचारिक रूप से कार्रवाई कर दी है।