कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों के परिवार जनों को भी सम्मानित किया। Kargil Vijay Diwas 2024 कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 04 घोषणाएं की। बलिदानी के परिवार को मिलने वाली अनुदान राशि को पत्नी और परिवार में विभाजित किया जाए। बलिदानी के परिवार को मिलने वाली अनुदान राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50लाख की जाएगी। अभी तक शहादत का सर्टिफिकेट मिलने के दो वर्ष के भीतर नौकरी के लिए आवेदन करना होता था।इस अवधि को बढ़ाकर पांच वर्ष किया जाएगा। बलिदानी के परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी की व्यवस्था है।जिसके लिए हर जिले के कलक्ट्रेट में समूह ग और घ के दो–दो पद सृजित किए गए थे। अब विभिन्न विभागों में कनिष्ठ सहायक और समूह ग के रिक्त पदों पर भी भर्ती की व्यवस्था की जाएगी। सैनिक कल्याण के संविदा कर्मियों को भी उपनल की ही तरह अवकाश अनुमन्य होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल की यह विजय गाथा भी उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी है और अपने 75 सपूतों का बलिदान ये वीर भूमि कभी नहीं भुलाएगी। जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे। हमने युद्ध भी जीता और वैश्विक स्तर पर कूटनीति में भी जीते। अटल जी ने शहीदों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ करने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सेना न केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति भी बढ़ रही है। हमारी सरकार जहां एक तरफ सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है, वहीं सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है।