देहरादून: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महरा ने एनएच 74 घपले के आरोपी अफसरों पर अभी तक कार्रवाई न होने पर सवाल उठाए। कहा कि एनएच 74 में सबसे अधिक गड़बड़ी आर्बिटेशन के केसों में हुई। इन्हीं आर्बिटेशन से जुड़े अफसरों पर अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। लगातार उन्हें बचाया जा रहा है। जबकि बिना अफसरों की शह के बिना गड़बड़ी संभव ही नहीं है।
उन्होंने सरकार पर पूरी तरह अंसवेदनशील होने का आरोप लगाया। कहा कि हेलंग चारापत्ती मामले में अब सीएम जांच करा रहे हैं। जबकि इस मामले में किसी भी तरह की जांच की जरूरत नहीं है। साफ नजर आ रहा है कि किस तरह मातृ शक्ति का अपमान किया गया है। इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन जांच के नाम पर उलझाने का प्रयास किया गया है।
विधानसभा की समितियों में वरिष्ठ विधायकों को नहीं मिला सम्मान: कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा में विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों में विपक्ष के विधायकों को उचित सम्मान नहीं दिया गया। खासतौर पर वरिष्ठ विधायकों की अनदेखी की गई है। पूर्व की सरकारों में विपक्ष के विधायकों को विभिन्न समितियों का जिम्मा देते हुए सम्मान दिया जाता था।
बता दे, 2012-13 में हरिद्वार से सितारगंज तक एनएच-74 तक की 252 किलोमीटर लंबे हाईवे के चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी। नेशनल हाईवे अथारिटी ने 2013 में इसका नोटिफिकेशन जारी किया कि चौड़ीकरण की जद में आने वाली भूमि जिस स्थिति में होगी, उसी आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। 2017 में तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर सैंथिल पांडियन ने समीक्षा की तो इसमें घपले की बू आने लगी।
11 मार्च 2017 को ऊधम सिंह नगर जिले के तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रताप शाह ने सिडकुल चौकी में मुकदमा दर्ज कराया। 15 मार्च को शासन ने इस घोटाले की जांच के लिए एसआइटी गठित की, जिसके बाद दो आइएएस समेत सात प्रशासनिक अफसर इस घोटाले की जांच की जद में आ गए। घोटाले में प्रशासनिक अफसरों समेत किसानों, बिचौलियों की गिरफ्तारियां हुईं और एंटी करप्शन कोर्ट नैनीताल ने उन्हें न्यायिक हिरासत मेें जेल भेज दिया।
इस घोटाले में 40 से अधिक आरोपितों को जेल की हवा खानी पड़ी। एसआइटी ने इस मामले में करीब 130 आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, भ्रष्टïचार निवारण समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। एंटी करप्शन कोर्ट इन आरोपितों के खिलाफ नोटिस तक जारी कर चुकी है। एसआइटी इस मामले में 220 करोड़ के घोटाले की पुष्टि तक कर चुकी है। इस घोटाले में निलंबित अफसर बहाल होने के साथ ही महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं, जबकि तमाम आरोपित किसान विदेश तक भाग चुके हैं। इस घोटाले में ऊधम सिंह नगर जिले के राजनेताओं पर भी आरोप लगे हैं, जिसे लेकर मेहरा ने सवाल उठाए है।