बेटे ही नहीं बेटियां भी आज के समय में बेटों की तरह माता-पिता के प्रति पूरा फर्ज निभाती है। बेटों की ओर से की जाने वाली धार्मिक रस्मों को निभा रही हैं। Daughters Cremated Their Father समय के साथ समाज भी बेटियों के इन कदमों को स्वीकार करने के साथ ही उनका समर्थन करने लगा है। कुछ ऐसा ही हुआ है उत्तराखंड में। पिथौरागढ़ में दो बेटियों ने इन रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ बेटे के रूप में रस्मों को निभाया। अब ये बेटियां चर्चाओं में हैं। हर कोई इनकी सराहना कर रहा है। रविंद्र लाल का पुत्र सचिन कुमार आईटीबीपी में हैं और इस समय अरुणाचल प्रदेश में सीमा क्षेत्र में तैनाती है। उन्हें पिता की मौत की सूचना दे दी गई है। वहां से घर आने में जवान को तीन दिन लगेंगे। इसके चलते परिवार के समक्ष मृतक के पार्थिव शरीर के दाह संस्कार की समस्या खड़ी हो गई। मृतक की दोनों बेटियों ने पिता की शव यात्रा में शामिल होने और चिता को मुखाग्नि देने का संकल्प लिया। रविवार को रामगंगा और कोकिला नदी के संगम घाट पर दोनों बेटियों प्रियंका (21) और एकता (20) ने गमगीन माहौल में पिता की चिता को मुखाग्नि देकर अपना फर्ज निभाया।