कोरोनाकाल में सिर्फ 50 दिन के लिए संचालित केदारनाथ यात्रा स्थानीय स्तर पर कारोबार का पहिया घुमाने में पूरी तरह से सफल रही। धाम में 2 लाख 39 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जो इतने कम समय में दर्शनार्थियों का नया रिकॉर्ड है। वहीं, केदारघाटी से केदारनाथ तक कारोबार से जुड़े लोगों की आमदनी को भी बल मिला।
17 मई को सूक्ष्म गतिविधियों के बीच केदारनाथ के कपाट खोले गए थे। कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा का संचालन नहीं होने से चार माह तक धाम में सन्नाटा पसरा रहा। केदारनाथ में मुख्य पुजारी बागेश लिंग व देवस्थानम बोर्ड के 10 से 12 कर्मचारी ही रहे। 18 सितंबर को चारधाम यात्रा का संचालन शुरू किया गया। इसके बाद केदारनाथ में रौनक लौट आई।
श्रद्धालुओं के आने से होटल, ढाबा, टैक्सी-मैक्सी, चाय-पानी की दुकानों से लेकर अन्य कारोबारियों ने आय अर्जित की। आंकड़ों पर गौर करें तो 18 से 30 सितंबर तक 13 दिन में केदारनाथ में जहां सिर्फ 9025 श्रद्धालु पहुंचे थे। वहीं, 1 से 31 अक्तूबर तक रिकार्ड 2 लाख 14 हजार 591 शिव भक्तों ने केदारनाथ में दर्शन किए।
वहीं, 1 से 6 नवंबर तक 6084 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। 50 दिनों की यात्रा में अक्तूबर माह में धाम में रोजाना औसतन 5 से 8 हजार यात्री पहुंचे। इससे रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, ऊखीमठ, फाटा, सोनप्रयाग से केदारनाथ तक कारोबार का पहिया भी तेजी से घूमने लगा।
श्रीकेदार होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी, उपाध्यक्ष प्रमोद नौटियाल, सचिव नितिन जमलोकी ने बताया कि बीते वर्ष से कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक गतिविधियां सीमित हो रखी थीं। यात्रा ने कारोबार को पटरी पर लाने का काम किया, जिससे हर कारोबारी की आमदनी को बल मिला है।
केदारनाथ यात्रा में 36 दिन में 6 हेली कंपनियों के हेलीकॉप्टर ने मोटी कमाई की। गुप्तकाशी, बडासू, फाटा, शेरसी व सोनप्रयाग से 1 अक्तूबर से 5 नवंबर तक हेली कंपनियों ने 28 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को केदारनाथ पहुंचाया। 22 हजार से अधिक को वापस भी लाए। हेली कंपनियों ने लगभग 40 करोड़ की कमाई की।