भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य हरिद्वार निवासी वंदना कटारिया समेत चार खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार मिलने से प्रदेश गौरवान्वित हुआ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में आयोजित समारोह में उत्तराखंड के निवासी जेपी नौटियाल को द्रोणाचार्य व वंदना कटारिया को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।
राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद ने किया सम्मानित
जेपी नौटियाल भारतीय पैराशूटिंग टीम के मुख्य कोच हैं। जेपी नौटियाल को खेल प्रशिक्षक के रूप में शानदार कार्य के लिए यह पुरस्कार दिया गया। जय प्रकाश नौटियाल ने विभिन्न राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मनीष सिंह राज, आकाश, दीपेंद्र, राहुल जाखड जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया।
शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद ने उन्हें सम्मानित किया। वहीं नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट और शीतल को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया।
टोक्यो ओलंपिक से वंदना को मिला हैट्रिक गर्ल का खिताब
टोक्यो ओलंपिक में लगातार तीन गोल दागकर हैट्रिक गर्ल का खिताब हासिल करने वाली वंदना कटारिया भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी हैं। वंदना ने एक ही मैच में लगातार तीन गोल दागने का कारनामा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किया था। वंदना के हैट्रिक से भारतीय महिला टीम पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी।
एवरेस्ट विजेता शीतल को मिला तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार
सीमांत सल्मोड़ा गांव की निवासी शीतल ने 16 मई 2019 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया था। वर्ष 2018 में तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत कंचनजंघा को फतह करने वाली युवा पर्वतारोही बनकर गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया। शीतल वर्ष 2020 में दुनिया की सबसे खतरनाक माने जाने वाले माउंट अन्नपूर्णा-1 पर फतह करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला बनीं। एचएमआई दार्जीलिंग से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स करने के बाद उन्होंने जेआईएम पहलगाम से एडवांस कोर्स किया।
2016 के बाद उन्होंने 10 से अधिक हिमालयी चोटियों पर देश का झंडा फहराया। 2018 में शीतल ने 7075 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट सतोपंथ, माउंट त्रिशूल 7120 मीटर फतह किया। शीतल ने वर्ष 2021 में यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रूस फतह की। इसके बाद शीतल ने 29 सितंबर 2021 में सीबीटीएस के ऑल वूमेन एक्सपीडिशन के तहत आदि कैलाश रेंज में माउंट चीपेदांग पर सफलतापूर्वक आरोहण किया।
शीतल के नेतृत्व में हुई ऑल वूमेन एक्सपीडिशन की शुरुआत
सीबीटीएस संस्था के संस्थापक एवरेस्ट विजेता योगेश गर्ब्याज ने बताया कि शीतल के नेतृत्व में ऑल वूमेन एक्सपीडिशन की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य पर्वतारोहण के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना और उन्हें सशक्त बनाना है। एक्सपीडिशन के तहत भारतीय हिमालय क्षेत्र में 6000 मीटर से ऊंची चोटियों में आरोहण किया जाता है। अभियान के लिए महिलाओं का चयन कर उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। साहसिक पर्यटन के जरिये उनके आजीविका के साथ जोड़ने का भी काम किया जाएगा। वर्ष 2021 में ऑल वूमन एक्सपीडिशन की शुरुआत हुई थी। संवाद
एनसीसी के दौरान जागी थी पर्वतारोहण को लेकर रुचि
पिथौरागढ़। शीतल का कहना है कि पर्वतारोही बनाने के लिए एनसीसी में रहने के दौरान उन्होंने पर्वतारोहण शुरू किया था। बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स एनसीसी में रहने के दौरान ही किया था। उनका कहना है कि साहसिक खेलों के शुरुआती दौर में उन्हें परिवार का भी समर्थन नहीं मिला था। कमजोर अर्थिक स्थिति भी खुद माउंटेनियरिंग करने में बाधक थी। परिवार को लगता था कि समय की बर्बादी हो रही है। मां का पूरा सहयोग मिला। वर्ष 2017 में पहली बार ओएनजीसी एक्सपीडिशन के दौरान उनके नेतृत्व में क्लाइंबिंग करने का मौका मिला। इसके बाद सफलता मिली। पासंग शेरपा दाई का भी सहयोग मिला। संवाद