शहरों को साफ सुथरा बनाने में उत्तराखंड एक कदम आगे तो एक कदम पीछे रहा। नगर निगम देहरादून, रुड़की और रुद्रपुर ने स्वच्छता की रैंकिंग में सुधार किया, लेकिन काशीपुर, हल्द्वानी और हरिद्वार आगे बढ़ने के बजाए रैकिंग में फिसल गए। जानकारों का मानना है कि रैंकिंग में उत्तराखंड को लंबी छलांग लगानी है तो स्वच्छता में आड़े आ रही चुनौतियों को पार करना होगा।
देहरादून, रुड़की, रुद्रपुर की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार
शहरी विकास मंत्रालय की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 रैंकिंग जारी की गई। पिछले दो सालों में देहरादून, रुड़की, रुद्रपुर ने स्वच्छता रैंकिंग में सुधार किया है। देश के 372 नगर निगमों में देहरादून को 82वां स्थान मिला है। जबकि रुड़की का 101 और रुद्रपुर की 257वीं रैंकिंग है। वहीं, काशीपुर, हल्द्वानी व हरिद्वार शहरों की रैंकिंग कम होने से गंदगी का दाग लगा है।
काशीपुर का खराब प्रदर्शन
औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित काशीपुर का स्वच्छता में खराब प्रदर्शन रहा है। वर्ष 2020 में काशीपुर की रैंकिंग 139 थी। जबकि इस बार 342 वां स्थान मिला है। स्वच्छता की रैंकिंग में अव्वल आने के लिए कई तरह की चुनौतियां है। जिसमें शहर के पुराने कचरे का निपटारा करना, प्लास्टिक कचरा, गीला व सूखा कचरे को अलग-अलग करना और निकायों के पास संसाधनों की कमी प्रमुख है। इन चुनौतियों से पार पाकर ही उत्तराखंड स्वच्छता की रैंकिंग में अव्वल आ सकता है।
और अधिक मेहनत करनी होगी
सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए और अधिक मेहनत करनी होगी। पहाड़ में कुछ निकायों ने सीमित संसाधनों के बावजूद रैकिंग में सुधार किया। काफी हद तक यह जन सहयोग पर भी निर्भर करता है। इसलिए नागरिकों में घरों से बाहर अपने नगरों और शहरों को साफ रखने की सोच बनानी अति आवश्यक है। निसंदेह उत्तराखंड की रैकिंग में सुधार आया है। लेकिन हमारा यह प्रदर्शन एक कदम आगे तो एक कदम पीछे जाने का है।