फंसी हुई सीटों के गणित को सुलझाने में उलझी कांग्रेस, इन 17 क्षेत्रों पर पेच

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कांग्रेस पार्टी ने अपनी पहली सूची में 53 टिकट तय किए हैं, जबकि 17 सीटों पर अभी भी पेच फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि ये सीटें वर्चस्व की लड़ाई में फंसी हैं। टिहरी, डोईवाला, लालाकुआं और झबरेड़ा में पार्टी को भाजपा के पत्ते खुलने का भी इंतजार है। इनके अलावा नरेंद्रनगर, देहरादून कैंट, ऋषिकेश, ज्वालापुर (अ.जा), रुड़की, खानपुर, लक्सर, हरिद्वार ग्रामीण, चौबट्टाखाल, लैंसडौन, सल्ट,  कालाढूंगी, रामनगर सीटों पर पार्टी नए सिरे से सियासी गणित सुलझा रही है।

ओमगोपाल पर दांव खेल सकती है कांग्रेस 
नरेंद्रनगर : इस सीट पर कांग्रेस पिछली बार निर्दलीय मैदान में उतरे ओमगोपाल रावत पर दांव खेल सकती है। हालांकि अभी उनकी पार्टी में ज्वाइनिंग नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि बातचीत अंतिम दौर में है। इस संबंध में उनकी पूर्व सीएम हरीश रावत सहित पार्टी के दूसरे नेताओं से मुलाकात हो चुकी है। ओमगोपाल रावत इस सीट पर पिछली बार भाजपा के सुबोध उनियाल से हार गए थे। कांग्रेस प्रत्याशी हिमांशु बिजल्वाण तीसरे नंबर पर रहे थे। माना जा रहा है कि पिछली बार के उनके प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी ओमगोपाल पर दांव खेल सकती है।

किशोर को मिल सकता है अभयदान 
टिहरी : पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय इस सीट पर टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन पिछले दिनों पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन पर की गई कार्रवाई के बाद इस सीट पर संशय के बादल छाए हुए हैं। पिछली बार इस सीट पर बीजेपी के धन सिंह नेगी ने कब्जा जमाया था, जबकि यहां भी पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र चंद्र रमोला तीसरे नंबर पर रहे थे। दूसरे नंबर पर निर्दलीय दिनेश धनै का कब्जा रहा। माना जा रहा है कि पार्टी किशोर को अभयदान देते हुए इस सीट से उतार सकती है। पिछली बार उन्होंने सहसपुर से किस्मत अजमाई थी, जहां उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। भाजपा ने भी अभी इस सीट पर टिकट तय नहीं किया है।

…तो क्या कैंट सीट पर महिला चेहरा उतारेगी पार्टी
देहरादून कैंट : देहरादून जिले की इस सीट पर टिकट को लेकर सबसे ज्यादा घमासान है। इस सीट पर सूर्यकांत धस्माना, लालचंद शर्मा, नवीन जोशी, वैभव वालिया, वीरेंद्र पोखरियाल जैसे नाम सामने हैं। भाजपा इस सीट पर पूर्व विधायक हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर को मैदान में उतार चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस भी इस सीट पर किसी महिला प्रत्याशी पर दांव खेल सकती है। लेकिन महिला प्रत्याशी का वह चेहरा कौन होगा, इस पर अभी संशय बना हुआ है।

कौन पहले खोलेगा पत्ते, एक दूसरे को देख रहे भाजपा-कांग्रेस 
डोईवाला : पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की सीट होने के नाते डोईवाला हॉट सीट की श्रेणी में है। हालांकि वह चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। भाजपा ने भी अभी तक इस सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। कांग्रेस की ओर से इस सीट पर हीरा सिंह बिष्ट का टिकट पक्का माना जा रहा था, लेकिन अचानक उन्हें रायपुर का टिकट थमा दिया गया। हरक सिंह रावत भी इस सीट पर नजर गड़ाए हैं। इस सीट पर भाजपा-कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे के पत्ते खोलने के इंतजार में हैं।

बुजुर्ग बनाम युवा के बीच जोर अजमाइश 
ऋषिकेश : इस सीट पर बुजुर्ग बनाम युवा दावेदारों के बीच जबरदस्त टक्कर है। एक तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता शूरवीर सिंह सजवाण और विजय सारस्वत हैं तो दूसरे तरफ युवा नेता जयेंद्र रमोला और राजपाल खरोला हैं। पार्टी चारों में से किस पर दांव खेलती है, यह देखने वाली बात होगी।

हरीश या रणजीत, किसके हाथ लगेगा टिकट

रामनगर : इस सीट पर माना जा रहा है कि पूर्व सीएम हरीश रावत और कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत के बीच घमासान है। रणजीत रावत इस सीट पर पिछले पांच सालों से तैयारी कर रहे हैं। जबकि चुनाव प्रचार के दौरान हरीश रावत खुद इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। इस सीट पर पहले से तैयारी कर रहे अन्य कई दावेदारों ने हरीश और रणजीत के पक्ष में अपनी दावेदारी तक छोड़ने का एलान कर दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि टिकट की दावेदारी में किसका पलड़ा भारी रहता है।

इन सीटों पर भी फंसा है पेच
ज्वालापुर, झबरेड़ा, रुड़की, खानपुर, लक्सर, हरिद्वार ग्रामीण, चौबट्टाखाल, लैंसडौन, सल्ट,  लालकुआं, कालाढूंगी।

हरीश, हरक, रणजीत जैसे दिग्गजों की सीट पर सबकी नजर
पूर्व सीएम हरीश रावत, पार्टी में कुछ दिन पहले शामिल हुए हरक सिंह रावत और हरीश के धुर विरोधी माने जाने वाले रणजीत सिंह रावत कहां से चुनाव  लड़ेंगे, इस पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। सबसे अधिक चर्चा रामनगर सीट को लेकर है। बताया जा रहा है कि इस सीट को लेकर हरीश और रणजीत दोनों ही अड़े हैं। जबकि हरक के चुनाव लड़ने को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें चौबट्टाखाल से सतपाल महाराज के खिलाफ उतार सकती है।

इसके अलावा पहली सूची में हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं का नाम भी गायब है। उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद लैंसडौन से चुनाव लड़ने की  चर्चा थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्हें इस सीट पर टिकट दिए जाने का आश्वासन दिया गया है। इसके अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को लेकर भी अभी तस्वीर साफ नहीं हुई है। हरीश रावत के पुत्र या पुत्री को टिकट दिया जाएगा, इस पर भी संशय बना हुआ है।

हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लड़ने की इच्छुक बताई जा रही हैं तो उनके बेटे आनंद रावत को सल्ट से चुनाव मैदान में उतारने की चर्चा है। हालांकि टिकट मिला तो दोनों में से एक को ही मिलेगा। लोगों की इससे ज्यादा दिलचस्पी इस बात में है कि हरीश रावत खुद कहां से चुनाव लड़ रहे हैं।

पहले डीडीहाट से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन अब पार्टी वहां प्रदीप सिंह को टिकट दे चुकी है। इसलिए यह संभावना तो खत्म हो गई। पार्टी सूत्रों के अनुसार अब हरीश रामनगर से चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं, लेकिन यहां पहले से तैयारी कर रहे उनके धुर विरोधी रणजीत रावत हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में इस सीट पर पार्टी किस पर दांव खेलती है, यह देखने वाली बात होगी।