लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती…प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार सोहनलाल द्विवेदी ने ये कविता उत्तराखंड के प्रदीप रावत जैसे श्रमशील लोगों के लिए लिखी होगी। Pradeep Rawat of Dehradun qualified UGC NET प्रदीप ने 59 साल की उम्र में नेट क्वालीफाई किया है। प्रदीप रावत देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात है। उन्होंने इसी वर्ष 21 अगस्त से पांच सिंतबर के बीच संपन्न हुई यूजीसी नेट परीक्षा में प्रतिभाग किया था। लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत उनके छोटे भाई हैं। पिछले 36 वर्ष में शिक्षा विभाग में कई अहम पदों पर रह चुके प्रदीप वर्तमान में देहरादून जनपद के 1,209 राजकीय विद्यालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अलावा कई प्रशासनिक कार्य भी उनके जिम्मे हैं।
प्रदीप रावत प्रदेश और प्रदेश से बाहर शैक्षिक उन्नयन की बैठकों में शामिल होने के साथ ही वह जनपद के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के ठीक ढंग से संचालन, समय पर परीक्षा व मूल्यांकन के लिए भी प्रयासरत रहते हैं। इतनी व्यस्तता के बावजूद हर रोज दो से तीन घंटे अध्ययन करना नहीं भूलते। इसी जज्बे के बूते उन्होंने यूजीसी नेट में सफलता प्राप्त की। सीईओ प्रदीप रावत बताते हैं कि उन्होंने यूजीसी नेट की परीक्षा किसी नौकरी के लिए नहीं, बल्कि शिक्षकों और समाज को यह संदेश देने के लिए दी कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। उनका कहना है कि शिक्षक को तो पूरी उम्र अध्ययन करना चाहिएए ताकि वह छात्रों को बेहतर ढंग से पढ़ा सके।