धराली में तबाही और नेता जी का गजब ज्ञान। साहब आप तो खुद पहाड़ से आते है, जिस क्षेत्रे से आपका सियासी सितारा चमका या जिस विधानसभा ने आपको सियासी शिखर तक पहुंचाया वो इलाका भी पहाड़ में ही है वो रानीखेत। Uttarakhand Cloudburst Live Updates रानीखेत विधानसभा जहां मनसून में न जाने कई तरफ की चुनौतियों से जनता दो चार होती है और आज जब धराली पर पहाड़़ टूटा तो आप ये क्या कह गए क्यों कह गए और भी कई सवालों से आपका सामना आपका होने वाल है भट्ट साहब तैयार रहिए। दगड़ियो बड़ी हैरानी होती है, सियासी बयानों से वो भी उस वक्त जब एक-एक सांस पर आपदा का पहाड़ भारी पड़ रहा हो। उस वक्त कोई नेता ये कह दे कि ये तो आम बात है। विकास की बयार में लोगों की नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए बी ऐसे बयान नहीं आने चाहिेए। टीवी पर ऐसा नहीं कहना चाहिए कि थोड़़ी बहुत परेशानी चलती रहती है। बीजेपी के सांसद साबह माननीय श्री अजय भट्ट जी मै तो आपको आपके सियासी सफर की शुरुआत से जानता हूं। आपके भाषणों को मैने राजकीय इंटर काॉलेज सिलोर महादेव अल्मोड़ा में बहुत सुना है। मैने कई बार आपको तिपोला में तब सर्स्वति मंदिर स्कूल में बहुत सुना है। आप तो ऐसे नहीं थे। फिर आप ने सियासी सिड़िया चढते ही उन सारी पूरानी बातों को तिलांजली देने के साथ साथनआपदा पीड़ितों की भावनाओं को भी तिलांजली दे।
दोस्तो ऐसा मै क्यो कह रहा हूं, एक बयान जो बीजेपी के नैनीताल से सांसद अजय भट्ट ने एबीपी न्यूज के इंटरव्यु में दिया वो गैरजिमेंदाराना बयान जिसमें ये कहा जा रहा है कि विकास होता है तो थोड़ा बहुत ऐसा वैसा क्यों दोस्तो आगे आपको बताउंगा की जब केदानराथ में आपदा आई थी। वो 2013 वाली उसे कौन भूल सकता है। तब समूची बीजेपी खुद अजय भट्ट किस तरह के बयान दे रहे थे क्योंकि सरकार तब कांग्रेस की थी तो आपकी पहाड़ और पहाड़ी को लेकर अलग थ्योरी थी और आज सब कुछ बदल गया। उत्तरकाशी के धराली की तरह, कुछ तो तबाही वो वाली आपदा लाई। जब धराली का बाजार घर बार सब उजड़ गया और एक तबाही दोस्तो सियासी बेरूखी से आती है। और ये पहले भी आती रही है खैर ये मेरे मन की पीड़ा थी कि मै अजय भट्ट को जानता हूं, वो मुझे नहीं जानते होंगे लेकिन मै आज उस खबर की बात करने आया हूं जहां। जहां उत्तरकाशी के धराली गांव में जब बादल फटा, तो सब कुछ तबाह हो गया। लोगों के घर बह गए, ज़िंदगियां मलबे में दफन हो गईं, मासूम बच्चे लापता हैं और गांव वालों की आंखों में सिर्फ डर और इंतज़ार है। ऐसे वक्त में जब हर एक नागरिक उम्मीद करता है कि उनके जनप्रतिनिधि उनके साथ खड़े होंगे, तब नैनीताल से बीजेपी सांसद अजय भट्ट का बयान आग में घी डालने जैसा है।
अजय भट्ट कहते हैं कि “जब विकास होता है, तो थोड़ी बहुत परेशानी होती है बादल फटना आम बात है तो क्या दोस्तो क्या आम बात होती है घरों का ढह जाना?क्या आम बात है अपनों को लाश बनते देखना?क्या आम बात है अपने बच्चों को लापता होते देखना? दोस्तो धराली में तबाही के बाद अब तक रेस्क्यू टीमें 24 घंटे से अधिक समय से राहत कार्य में लगी हैं। बच्चे, बुज़ुर्ग, महिलाएं जान बचाकर भाग रहे हैं, मगर इस तबाही को नेता जी “विकास में होने वाली छोटी परेशानी” बता रहे हैं। आगे बताउंगा आपको कि कांग्रेस कैसे बीजेपी और अजय भट्ट पर हमलावर है क्यों कांग्रेस बीजेपी और अजय भट्ट को 2013 केदारनाथ आपदा की याद दिला रही है ये सब आगे बात करूंगा। लेकिन सवाल न. 1 क्या इस तरह के संवेदनहीन बयान से जनता की दुख में इजाफा ही तो होगा है? सवाल उठता है उठाना भी चाहिए। क्या इस आपदा को भी सिर्फ एक आंकड़ा बनाकर छोड़ दिया जाएगा? पूछा जाना चाहिए क्या हर बार सरकार का रटा-रटाया जवाब ही मिलेगा कि “हम राहत दे रहे हैं”?और सबसे बड़ा सवाल: क्या जनता की ज़िंदगियां इतनी सस्ती हैं कि उन्हें “थोड़ी बहुत परेशानी” कहा जाए? दोस्त सियायत से पूछा जाना चाहिए। सांसद अजय भट्ट के बयान पर कांग्रेस की बेहद सख्त टिप्पणी आई।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा –“विकास जरूरी है, लेकिन स्थानीय संवेदनशीलता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” दोस्तो धराली के लोगों को इस वक्त मदद चाहिए, सहानुभूति चाहिए मगर ऊपर बैठे नेता उनकी पीड़ा को राजनीतिक भाषण में बदल रहे हैं। ऐसा लगता है इस हादसे को सियासी इंवेंट बनाया जा रहा है क्या ये बड़ा सवाल है अब उनके इस बयान पर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने भाजपा सांसद अजय भट्ट के बयान को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने भाजपा सांसद अजय भट्ट के बयान को भी संवेदनहीन करार दिया है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा प्रदेश में अलग-अलग जिलों में भयंकर आपदाएं आई हुई हैं, लेकिन धराली आपदा पर पूर्व मंत्री और नैनीताल सांसद अजय भट्ट का बयान बेहद शर्मनाक और संवेदनहीन है। जिसमें उन्होंने कहा है कि बादल तो फटते ही रहते हैं। आपदाओं को रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा भाजपा के पांचो सांसदों को पता है कि प्रदेश की जनता उनके काम और मेहनत के नाम पर नहीं बल्कि धार्मिक ध्रुवीकरण के कारण उन्हें जीता रही है, इसलिए यह सभी सांसद जनता के दुख में शामिल होने को जरूरी नहीं मानते हैं।
दोस्तो मैने आपसे कहा था कि मै बताउंगा। दरअसल दगड़िओ अजय भट्ट ने 2013 आपदा के दौरान ततकालीन कांग्रेस की सरकार को फेल बताने के साथ-साथ जमकर कोसा और आज का उनका बयान हैरान करने वाला तो है ही लेकिन दोस्तो आपदा तो आपदा है। तबाही-तबाही है। सरकार चाहे बीजेपी की मौजूदा वक्त मे है और चाहे तब 2013 जब केदारनाथ जल प्रलय ने देश और दुनिया को हिला दिया था। साहब सियासी बयानों में बदलाव हो सकता है लेकिन आपदा की तस्वीर वहीं होती है। इसमें कोई बदलाव नहीं आता अब सियासत इसै कैसे समझें वो जानेभाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा था कि आपदा प्रबंधन के मामले में प्रदेश सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है। सरकार ने आपदा को सही तरीके से नहीं लिया और इसके गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा था, “तेज बारिश में भी सरकार की तैयारियों की पोल खुल गई है। जानमाल की हानि हुई है, सरकार जिम्मेदार है।”यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी और उत्तराखंड में आपदा आई थी, तबाही तब थी आज भी है।