अच्छी पहल: प्लास्टिक की बोतलों के बजाय अब जूट और बांस की बोतल में लेकर जाएंगे श्रद्धालु गंगाजल

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हरिद्वार: प्रतिबंधित सामानों के प्रयोग पर कार्रवाई के बाद भी इन पर रोक नहीं लग रही है। जिसका मुख्य कारण विकल्प न होना माना जा रहा था। अब कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है जिसके चलते करोड़ों की तादात में भोले के भक्त गंगाजल को प्लास्टिक की बोतलों में भरते हैं। गंगा घाट पर इनके प्रयोग को रोकने के लिए हरिद्वार नगर निगम ने पहल की है। अब श्रद्धालु जूट, बांस और कांच से बनी बोतलों में गंगा जल ले जा सकेंगे।

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सीसीआर में इन बोतलों और चटाई को लोगों को उपलब्ध कराने की पहल का शुभारंभ किया। नगर आयुक्त ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के माध्यम से विकल्प तैयार किया है। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस पहल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि हरकी पैड़ी गंगा घाट पर देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को अच्छा संदेश मिलेगा।

प्रेमचंद ने कहा कि शहर के विकास के लिए मेयर, नगर आयुक्त और पार्षदों को एक साथ मिलकर काम करना होगा। यदि अपने शहर को स्वच्छता से लेकर अन्य सभी क्षेत्रों में अग्रणी रखना है तो ‘मैं’ नहीं ‘हम’ की भावना के साथ काम करना होगा। मेयर अनिता शर्मा ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगी रोक के लिए इस पहल को कारगर बताया। हरकी पैड़ी पर प्रतिबंध के बावजूद प्लास्टिक की केन और प्लास्टिक की चटाई का प्रयोग हो रहा है।