देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीन से जुड़े दस्तावेजों से छेड़छाड़ का मामला सुर्खियों में है। पूरा मामला भूमि के बैनामों के साथ छेड़छाड़ और फर्जी रजिस्ट्री कर करोड़ों की जमीन की खरीद फरोख्त से जुड़ा है। इस मामले में अब तक नौ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिस पर डीजीपी अशोक कुमार कहना है कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है देहरादून रजिस्ट्री कार्यालय में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। जहां कुछ लोग फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर हुआ है। सीएम धामी के आदेश पर एसआईटी का गठन कर दिया गया है। अभी तक दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जबकि, 9 लोगों पर केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। मामले में आगे और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। इसमें शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
दरअसल, बीती 15 जुलाई को सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने डीएम की ओर से गठित समिति की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया था कि देहरादून रजिस्ट्रार कार्यालय और सब रजिस्ट्रार कार्यालय में अलग-अलग बैनामों में छेड़छाड़ की गई है। जिस संबंध में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई। वहीं, मामले में देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने एसआईटी टीम का गठन किया। इस टीम ने रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी जुटाई। साथ ही रिंग रोड से संबंधित 50 से ज्यादा रजिस्ट्रियां खंगाली। इसके अलावा कई लोगों से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान कुछ प्रॉपर्टी डीलरों के नाम सामने आए। उनसे पूछताछ में फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के नाम पुलिस के हाथ लगे। उधर, टीम ने कई संदिग्धों के बैंक अकाउंट खंगाले। जिसमें करोड़ों रुपए के लेन देन मिला। जब टीम ने जांच की तो पता चला कि रजिस्ट्रार कार्यालय से दस्तावेज हासिल कर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है। जिसके बाद धड़ाधड़ आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है।