उत्तराखंड में धामी सरकार अब दूरस्थ क्षेत्रों में अपने अफसरों को रात्रि प्रवास के लिए भेजेगी। इसके लिए अधिकारियों की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है। इससे पहले भी सरकार अफसरों की गांवों की समस्या को लेकर चौपाल लगा चुकी है। अब एक बार फिर अधिकारियों को लोगों की समस्या और विकास कार्यों को देखने के लिए पहाड़ चढ़ाने की तैयारी है। इसमें अपर मुख्य सचिव से लेकर सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इससे पहले अफसरों को पैदल यात्रा करते हुए देखा जा चुका है। धामी सरकार में अफसर अधिकतर अब दूरस्थ गांवों और यात्राओं पर पैदल जाते हुए नजर आ जाते हैं। इसका उद्देश्य अधिकारियों को पहाड़ में विकास कार्यों को देखना और उनकी समस्याओं के समाधान करना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद पहाड़ी जिलों में प्रवास कर लोगों से बातचीत करते और सरकार के कामों का फीडबैक लेते हुए नजर आ जाते हैं।
इसी तरह स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमारन ने पहले करते हुए सबसे पहले केदारनाथ पैदल यात्रा की। इस दौरान उन्होंने यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को खुद चेक किया। इसी तरह पौड़ी के डीएम आशीष चौहान पौराणिक चार धाम ट्रेक और चमोली डीएम हिमांशु खुराना हेमकुंड साहिब करीब 20 किमी पैदल चलकर व्यवस्थाओं का जमीनी स्तर पर निरीक्षण कर चुके हैं। इस तरह उत्तराखंड में धामी सरकार आने के बाद से अफसर पहाड़ चढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। अब सरकार अपने अधिकतर अधिकारियों को पहाड़ में रात्रि प्रवास के लिए भेज रही है। इसके लिए कैलेंडर भी जारी किया गया है। अधिकतर सालभर हर 15 दिनों में जिलों का भ्रमण करेंगें। भ्रमण के दौरान किसी दूरस्थ गांव में रात्रि विश्राम भी करेंगे। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और आनंद वर्धन देहरादून, उधम सिंह नगर और हरिद्वार का तिमाही आधार पर भ्रमण करेंगे।