धराली रेस्क्यू ऑपरेशन: डॉग स्क्वायड मलबे में तलाशेंगे जिंदगी, विदेश से विशेष सेंट मंगवाया गया

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धराली आपदा का आज पांचवां दिन है। सेना के साथ साथ तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में दिन-रात लगी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी केंद्र सरकार के साथ लगातार संबंध में बनाकर पल-पल की रिपोर्ट दे रहे हैं। Dharali Rescue Operation तीन दिनों से राज्य के तमाम बड़े अधिकारी या यह कहे पूरी सरकार मौके पर है। इनमें कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कई फीट मलबे के नीचे दब गए हैं। ऐसे लोगों को खोजने के लिए एनडीआरएफ ने पहली बार के-9 टीम शव खोजी डॉग के साथ धराली में उतारी है। इससे पहले एनडीआरएफ की के-9 टीम (खोजी कुत्ते) तुर्किए और म्यांमार में भी अपनी क्षमताओं का लोहा मनवा चुकी है। एनडीआरएफ के इस दल ने एसडीआरएफ और आईटीबीपी के साथ धराली में खोज कार्य शुरू कर दिया है। उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों से बचाव दलों ने अब तक 700 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकालकर गतंव्य तक पहुंचा दिया है।

भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स के 125 जवान, घातक टीम के 10 जवान, स्पेशल फोर्स के 30 जवान और BEG रुड़की के 250 जवान मलबे व कीचड़ के बीच लोगों को खोज रहे हैं। इसके अलावा सेना के 75 जवान और 7 खोजी कुत्ते मलबे में दबे लोगों का पता लगाने में जुटे हैं। इतना ही नहीं आईटीबीपी के 113 जवान पैदल मार्गों से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर राहत कार्य कर रहे हैं। इसी बीच एनडीआरएफ ने अपने विशेष शव खोजी कुत्तों को भी खोजबीन में लगा दिया है। इनके हैंडलर लगातार एक निर्धारित क्षेत्रफल में मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं। एनडीआरएफ के डीआईजी गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि यहां पर छह कुत्तों की टीम लगाई गई है। इसमें दो कुत्तों को विशेष प्रशिक्षण प्राप्त है जो कि मलबे में दबे मानव अवशेष को सूंघकर संकेत देते हैं। इसके बाद उसी क्षेत्रफल में मलबा हटाने का काम किया जाता है।