Dharli disaster left wounds, people’s eyes focused on rescue | Uttarakhand News | Uttarkashi |

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धराली आपदा ने दिए गहरे जख्म, रेस्क्यू पर टिकीं लोगों की निगाहें। उत्तरकाशी धराली आपदा ने गहरे जख्म दिए है। मानसून सीजन में इस भयावह प्राकृतिक आपदा ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। लोग धराली के उस तस्वीर को भुला नहीं पा रहे हैं, जो उन्होंने देखा था। Uttarakhand Cloudburst Live Updates आपदा से पहले धराली में सब कुछ सामान्य था और मार्केट में लोग रोजाना की तरह खरीदारी कर रहे थे। कुछ लोग आ रहे थे तो कुछ मार्केट से वापस जा रहे हैं। मार्केट से जाने वालों में कई भाग्यशाली भी थे, जो इस हादसे में बाल-बाल बच गए। इस भयावह हादसे के बाद लोगों की आंखें अपनों को तलाश रही हैं। लोगों की निगाहें रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी: उत्तरकाशी धराली आपदा में परिजनों की आंखों में अब भी उम्मीद कायम है। इसी उम्मीद को जिंदा रखने के लिए सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस और स्थानीय प्रशासन के जवान दिन-रात धराली की खाक छान रहे हैं। आपदाग्रस्त क्षेत्र के गांवों में मातम पसरा है और लोग इस भयावह घटना का मंजर भूल नहीं पा रहे हैं। लोगों की निगाहें रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हुई हैं, इस विश्वास के साथ कि शायद कोई अच्छी खबर आए और शायद कोई अपना मिल जाए।

लापता लोगों की तलाश जारी: सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस की रेस्क्यू टीमों को प्रतिकूल मौसम और दलदल की चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है, लेकिन उनका जज्बा अडिग है। लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान लगातार जारी है। इस हादसे के बाद गांव के बुजुर्ग, रोती महिलाएं और अपनों को उम्मीद भरी निगाहों से देखते बच्चे, हर आंखें अपनों की घर वापसी का इंतजार कर रही हैं। गौर हो कि उत्तरकाशी धराली आपदा में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है और लोग बड़ी संख्या में लापता हैं। राहत-बचाव में लगी टीमें 190 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। सीएम धामी ने आपदा प्रभावितों से की मुलाकात: वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरकाशी धराली आपदा पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और सीएम पुष्कर सिंह धामी से अपडेट ले रहे हैं। पीएम मोदी ने बुधवार सुबह सीएम धामी से फोन पर बातचीत कर धराली प्राकृतिक आपदा की जानकारी ली थी। बीते दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने धराली आपदा का निरीक्षण किया था। साथ ही आपदा प्रभावितों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। केदारनाथ आपदा की यादें हुई ताजा: बता दें कि उत्तरकाशी के धराली में खीर गंगा नदी में आए सैलाब ने 2013 की केदारनाथ आपदा की यादें ताजा कर दी। केदारनाथ त्रासदी भारत की सबसे भीषण आपदाओं में गिना जाता है। इस जल प्रलय ने कई जिंदगियों को लील लिया था और कई जगहों का नामोनिशान मिटा दिया था। लेकिन कुछ ऐसा ही बीते दिनों उत्तरकाशी धराली आपदा में भी देखने को मिला।