धर्मनगरी हरिद्वार को केंद्र सरकार की तरफ से सौगात, ड्रीम प्रोजेक्ट रिंग रोड को मिली मंजूरी

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हरिद्वार: शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए प्रस्तावित इनर रिंग रोड परियोजना के पहले चरण को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। पहले चरण में 48 किलोमीटर की अभी मंजूरी मिली है। जबकि तीन चरणों में 110 किलोमीटर रिंग रोड बननी है। रिंग रोड का अनुमानित बजट 2000 करोड़ है। पहले चरण में करीब दो साल में निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

आपको बता दे, रुड़की से बिजनौर की आवाजाही के लिए वाया हरिद्वार होकर आने जाने का रास्ता था अब हरिद्वार में वाहनों का दबाव बढ़ता है। पर्व स्नानों पर चंडी पुल पर हर समय जाम लगता है। जाम की समस्या को दूर करने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के सुझाव पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने रिंग रोड निर्माण की दूरगामी योजना बनाई थी। एनएचएआई के अभियंता कपिल जोशी ने बताया कि पुल और रिंग रोड 45 मीटर चौड़ी होगी। फोरलेन पर दोनों तरफ सर्विस रोड बनेगी। सर्विस रोड में जगह-जगह शॉपिंग सेंटर निर्माण की योजना भी है। वाहनों की रिपेयरिंग की दुकानों के अलावा फास्ट फूड कार्नर खुलेंगे। इनका निर्माण और आवंटन एनएचएआई करेगी। कई गांवों से होकर रिंग रोड गुजरेगी। इसके लिए किसानों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

रिंग रोड तीन चरणों में तैयार होनी है। रिंग रोड का पहला चरण बहादराबाद बाईपास से शुरू होगा और श्यामपुर थाना क्षेत्र के अंजनी चौकी एनएच 74 पर खत्म होगा। इससे हरिद्वार-दिल्ली हाईवे के वाहन सीधे नजीबाबाद-हरिद्वार हाईवे के लिए आवाजाही कर पाएंगे। दूसरा चरण में एनएच 74 से काली मंदिर, नहर के ऊपर से होत हुए सीधा मोतीचूर फ्लाई ओवर पर रिंग रोड हाईवे से मिलेगी। तीसरा चरण भेल से दूधाधारी चौक तक होगा। जिसमें सुरंग का निर्माण प्रस्तावित है।