Joshimath Is Sinking: उत्तराखंड का जोशीमठ इस वक्त बड़े संकट से जूझ रहा है। यहां लगभग हर दूसरे घर में दरारें पड़ रही हैं जिसकी वजह से लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना कर पर रहा है। यहां की आबादी 20,000 से ज्यादा है। बढ़ते हुए संकट के बीच अब जोशीमठ वालों के लिए राहत की खबर है। शहर में पिछले तीन दिनों से घरों और दुकानों में कोई भी दरारें नहीं बढ़ी है। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट की ओर से कहा गया है कि जोशीमठ के के चमोली में पिछले तीन दिनों में दरारों की चौड़ाई में कोई विस्तार नहीं हुआ है। आपदा प्रबंधन के राज्य सचिव डॉक्टर रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सीबीआरआई ने दरार नापने के लिए बिल्डिंग में क्रैक मीटर लगाया है, जो यह बता रही है कि पिछले तीन दिनों में दरारें बढ़ी नहीं हैं। यह सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में कई काम किए जा रहे हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि कल शाम से जेपी कॉलोनी के पास एक भूमिगत चैनल से पानी का डिस्चार्ज फिर से बढ़कर 150 लीटर प्रति मिनट हो गया है। सिन्हा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य शीर्ष अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सीएम ने शहरी विकास विभाग को निर्देश दिया कि वे उचित जल निकासी और सीवर व्यवस्था के लिए प्रत्येक जिले में प्रभावी टाउन प्लानिंग तैयार करें। उन्होंने आगे कहा कि जोशीमठ का सर्वेक्षण चमोली जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है और विस्थापितों से परामर्श भी किया जा रहा है। जोशीमठ में दरार पड़ने वाले घरों की संख्या 849 है। 259 प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में शिफ्ट कर दिया गया है।