जी हां दोस्तो अपने प्रदेश में विभागों की कार्यशैली पर अक्सर सवाल होते हैं, जिला प्रशासन को भी कठघरे में अक्सर खड़ा होना पड़ता है, कि भाई काम नहीं होता, समय पर एक्शन नहीं होता, लेकिन अब जो खबर मै आपको दिखाने जा रहा हूं। DM’s action in the dark of night उसे देख आप भी कहेंगे कि ऐसे दिलेर अधिकारी अब तक कहां थे। जी हां दोस्तो एक तरफ देहरादून से सीएम ने दिखाई सख्ती उधर रात के अंधेरे में हो गया एक्शन। दोस्तो एक तरफ देहरादून में सीएम धामी बैठक पर बैठक कर रहे थे, हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर रहे थे। उधर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में वन्य जीवों के बढ़ते आतंक के बीच प्रशासन की चिंता बढ़ रही थी। वन विभाग वालों को तो मौजूदा वक्त में कुछ भी नहीं सूज रहा है कि क्या किया जाए कैसे किया जाए, लेकिन हां एक जिलाधिकारी के एक्शन को लेकर खूब चर्चा हो रही है। उनके बारे में आगे आपको बताउंगा और उनके एक्शन के बारे में भी उससे पहले आपको बता दूं कि उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे मानव-वन्यजीव संघर्ष पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बड़ा बयान सामने आया।सीएम ने साफ कहा है कि सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों की जान-माल की सुरक्षा है। इसके लिए वन विभाग सहित सभी संबंधित विभागों को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं___जंगली जानवरों की बढ़ती आवाजाही और हमलों के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान ।
सीएम धामी ने कहा कि किसी भी कीमत पर जनता की जान-माल को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वन विभाग, प्रशासन और स्थानीय पुलिस को आपसी समन्वय बनाकर फील्ड में सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी तरह की घटना को पहले ही रोका जा सके। अभी दोस्तो अभी सीएम ने सख्ती दिखाई ही थी, कि उधर चंपावत से रात के अंधेरे में गस्त की तस्वीर समाने आई। दोस्तो उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों के कई जनपदों में गुलदार भालू के आतंक से पहाड़ की जनता इन दिनों हल्कान है। पौड़ी चंपावत सहित कई जनपदों में वन्य जीव के हमले में ग्रामीण जान गंवा चुके हैं। वही चंपावत जिले के लोहाघाट विकासखंड में बीते एक महीने में दो ग्रामीणों ने गुलदार के हमले में अपनी जान गवाई है। इसके बाद इन इलाकों में दहशत का माहौल बना हुआ है। दोस्तो चंपावत जनपद के लोहाघाट मंगोली क्षेत्र में गुलदार की सक्रियता के बीच जिलाधिकारी मनीष कुमार ने ग्रामीणों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए वन विभाग को पिंजरे लगाने, ट्रैप कैमरों से निगरानी बढ़ाने और दिन-रात गश्त सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। इसी बीच जिलाधिकारी रात के अंधेरे में खुद मंगोली पहुँचे और अंधेरे व ठंड के बावजूद मौके पर जाकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दोस्तो उन्होंने न केवल वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरों और कैमरा ट्रैप की स्थिति देखी, बल्कि टीमों के साथ रात्रि गश्त में भी शामिल होकर क्षेत्र का निरीक्षण किया और गुलदार की हालिया गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि मजबूत पिंजरे लगाए जाएँ, रात में गश्त की तीव्रता और दायरा बढ़ाया जाए, कैमरा ट्रैप की संख्या बढ़ाकर गुलदार की वास्तविक समय पर निगरानी की जाए और टीमें लगातार गांव और आसपास के इलाकों में तैनात रहें। इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि ग्रामीणों की सुरक्षा से बड़ा कोई कार्य नहीं है और प्रशासन हर स्थिति में उनके साथ खड़ा है। वहीं दोस्तो एसडीओ फॉरेस्ट सुनील कुमार ने जिलाधिकारी को बताया कि मंगोली क्षेत्र में 10 ट्रैप कैमरे और 2 पिंजरे लगाए गए हैं और वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर गुलदार की गतिविधियों को ट्रैक कर रही हैं। इसी प्रकार गुलदार की सक्रियता दिखाई देने पर बाराकोट के धरगड़ा में भी सुरक्षा प्रबंध मजबूत किए गए हैं।दोस्तो अब जिलाधिकारी रात में अचानक उपस्थिति से ग्रामीणों में भरोसा बढ़ा है और प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि गुलदार की सक्रियता को रोकने और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सभी जरूरी कदम युद्धस्तर पर उठाए जा रहे हैं। दोस्तो वैसे चंपावत में जिलाधिकारी मनीष कुमार का ये साहसिक कदम साफ संदेश देता है कि प्रशासन वन्य जीवों के खतरों के बावजूद ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। रात की गश्त और पिंजरे-ट्रैप कैमरों का निरीक्षण, इन पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा की स्थिति को और मजबूत करेगा। ग्रामीणों का भरोसा बढ़ाने के साथ ही यह कार्रवाई यह साबित करती है कि प्रशासन हर स्थिति में जनता के साथ खड़ा है।