फिजूल खर्चों से बचने के लिए डीएम की नई पहल, बस में सवार होकर पहुंचे जनता दरबार

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रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एक अभिनव पहल की है। डीएम स्वयं और जिले के सभी अधिकारियों के साथ बस में बैठकर एक दूरस्थ गांव में लगे शिविर में प्रतिभाग करने पहुंचे। रुद्रप्रयाग में किसी जिलाधिकारी की ओर से पहली बार ऐसी पहल की गई है। इससे पहले सभी अधिकारी अपने-अपने वाहनों से पहुंचते थे, जिससे सरकारी डीजल-पैट्रोल की खपत अधिक होती थी, लेकिन अब जिले में ऐसा नहीं होगा। जहां भी जनता की समस्याओं को सुनने के लिये शिविर लगेंगे, वहां सभी अधिकारी बस के जरिये ही सफर करेंगे।

जनता की समस्याओं को सुनने के लिये अक्सर प्रशासन की ओर से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जनता दरबार का आयोजन किया जाता है। इन जनता दरबारों में अक्सर देखा जाता है कि कई अधिकारी पहुंचते ही नहीं और जो अधिकारी पहुंचते भी हैं वह समय पर नहीं पहुंचते हैं। इस बीच सभी अधिकारी अपने वाहनों से पहुंचते हैं, जिससे वाहनों का जमावड़ा लग जाता है और सरकारी डीजल-पैट्रोल की भी अधिक खपत होती है, लेकिन रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने नई पहल की है।

एक ही बस में सभी अधिकारियों के सवार होने से जहां सरकारी डीजल-पैट्रोल की खपत कम हुई, वहीं सभी अधिकारी भी जनता की समस्याओं को सुनने के लिये पहुंचे। इसका सीधा संदेश उत्तराखंड ही नही बल्कि देश की पूरी सरकारी मशीनरी के लिए है की जनता के पैसे का अनावश्यक खर्च को इस तरह रोका जा सकता है और आपसी समन्वय से कार्य करने की भावना को और अधिक मजबूत किया जा सकता है। वहीं, जिलाधिकारी ने उच्च प्राथमिक विद्यालय पाली-फाफंज का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों के साथ मध्याह्न भोजन भी किया। इससे पूर्व उन्होंने कक्ष-कक्षों का जायजा भी लिया। जायजा लेते हुए बच्चों से सवाल-जवाब भी किए। साथ ही शिक्षकों से विद्यालय के बारे में जानकारी भी मांगी। इस मौके पर प्रधानाध्यापिका रजनी भल्ला, सहायक शिक्षिका पुष्पा देवी व शिक्षक देवानंद गैरोला आदि मौजूद थे।