देहरादून: शुक्रवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने शिष्टाचार मुलाकात की। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की पुस्तक “मूल्य आधारित शिक्षा” का विमोचन किया। डॉ निशंक ने बताया क़ि उन्होंने यह किताब UNESCO की DG औड्रेय औज़ले के आग्रह पर लिखी, जो चाहती थी क़ि सम्पूर्ण विश्व के बच्चों को मूल्याधारित शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जाए। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) पूरे देश में लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहते हुए उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन किया है।
उन्होंने शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु भरसक प्रयास पर बल दिया। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि डॉ निशंक हिमालय के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। डॉ निशंक ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी द्वारा रखी गयी न्यू इंडिया की आधारशिला है, जो बदलते समाज और गतिशील दुनिया की चुनौतियों को अवसरों में बदल सके और विश्वगुरु भारत का निर्माण कर सके। उन्होंने आगे बताया क़ि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी प्रेरणा से सबसे बड़े विमर्श के पश्चात ऐतिहासिक एवं परिवर्तनकारी शिक्षा नीति -2020 का निर्माण हुआ जो सभी भारतवासियों की अपेक्षा पर खरी उतरती है।
डॉ निशंक ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी द्वारा रखी गयी न्यू इंडिया की आधारशिला है, जो बदलते समाज और गतिशील दुनिया की चुनौतियों को अवसरों में बदल सके और विश्वगुरु भारत का निर्माण कर सके। उन्होंने आगे बताया क़ि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी प्रेरणा से सबसे बड़े विमर्श के पश्चात ऐतिहासिक एवं परिवर्तनकारी शिक्षा नीति -2020 का निर्माण हुआ जो सभी भारतवासियों की अपेक्षा पर खरी उतरती है। डॉ निशंक ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूर्ण रूप से भारत केंद्रित होने के साथ गुणवत्तापरक, नवाचारयुक्त, व्यावहारिक, प्रौद्योगिकीयुक्त, अंतरराष्ट्रीय, वैज्ञानिक और कौशल युक्त है जो हमारी भावी पीढ़ी को सफल वैश्विक नागरिक बनाने पर ध्यान केंद्रित करती है ।