देहरादून में ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन-2025’ का आयोजन, सीएम धामी ने युवाओं को दिलाई ‘नशा मुक्ति’ की शपथ

उत्‍तराखंड की धामी सरकार ने 2025 तक 'ड्रग्स फ्री देवभूमि' का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। देहरादून में मंगलवार को इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीएम धामी ने कार्यक्रम में युवाओं को नशा मुक्‍त देवभूमि की शपथ दिलाई।

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उत्तराखंड सरकार ने आगामी साल 2025 तक ‘नशा मुक्त देवभूमि’ करने का लक्ष्य रखा है। जिसके तहत प्रदेश भर में नशा मुक्त कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। Drugs Free Devbhoomi Mission 2025 इसी क्रम में मंगलवार को देहरादून स्थित गांधी पार्क में ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन-2025’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। हालांकि, इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने भी प्रतिभाग किया। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को ‘नशा मुक्त देवभूमि’ की शपथ भी दिलाई। ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025’ के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों को नशे के खिलाफ जागरूक किया गया। साथ ही इसके दुष्परिणाम की जानकारी भी दी गई। दरअसल, मुख्य रूप से कार्यक्रम के दौरान युवाओं को इस वजह से भी शामिल किया गया क्योंकि इस उम्र में युवा, नशे की प्रवृत्ति की ओर न जाएं। साथ ही अपने घर में परिजनों को भी नशे के खिलाफ जागरूक करें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन-2025’ का विषय बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर प्रदेश के युवाओं के लिए। राज्य सरकार का संकल्प है कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखंड से अवैध नशे को समाप्त कर देंगे। लेकिन जब तक सभी लोग अभियान का हिस्सा नहीं बन जाते, तब तक इसको साकार नहीं किया जा सकता। प्रदेश में मौजूद तमाम शिक्षा संस्थानों के समीप नशे का जाल बुनता जा रहा है। इन्हें समाप्त करने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई बार मजाक-मजाक और खेल-खेल में युवा नशे की लत में पड़ जाते हैं। ऐसे में उनको वापस लाना एक बड़ी चुनौती है। उत्तराखंड सरकार ने साल 2025 तक नशा मुक्त देवभूमि करने का लक्ष्य है। इसके लिए वृहद स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस साल अभी तक नशे से संबंधित 600 मामले पंजीकृत किए गए हैं। जिसके तहत 750 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इसके साथ ही एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी की सुविधा ऋषिकेश एम्स में दी जा रही है।