भारी बारिश से मदमहेश्वर ट्रेक पर वैकल्पिक पुल बहा, SDRF ने 68 यात्रियों को हेलीकॉप्टर से किया रेस्क्यू

भारी बारिश से मोरखंडा नदी पर बनाया अस्थायी पुल बह गया है। जिससे मदमहेश्वर धाम में तीर्थयात्री फंस गए हैं। जिससे अब तक 68 लोगों को रेस्क्यू कर हेली के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर भिजवा दिया गया है।

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उत्तराखंड में भारी बारिश कहर बरपा रही है। पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश के वजह से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। Rudraprayag Temporary Bridge washed Away वहीं रुद्रप्रयाग में भारी बारिश आफत बनकर टूट रही है। भारी बारिश से मोरखंडा नदी पर बनाया अस्थायी पुल बह गया है। जिससे बीती रात मदमहेश्वर धाम में तीर्थयात्री फंस गए थे। केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के अनुसार मदमहेश्वर धाम में लगभग 100 तीर्थ यात्रियों सहित स्थानीय व्यापारी फंस गये। इंजीनियर्स द्वारा अस्सिटेंट के माध्यम से उनकी मेजबानी की जा रही है। अब तक 68 यात्रियों को नानूचट्टी के रेस्तरां हेलीपैड से रेंसी तक लाया गया है। जिसमें 27 यूपी, 8 दिल्ली, दो आंध्र प्रदेश, एक-एक तेलांगना और गुजरात के यात्रियों के अलावा 12 स्थानीय और उत्तराखंड के अन्य हिस्सों के यात्रियों का सफल रेस्क्यू हो गया है। अन्य यात्रियों का रेस्क्यू भी लगातार जारी है, जो जल्द ही पूर्ण हो जाएगा।

मदमहेश्वर घाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से मोरखंडा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। बता दें कि विगत वर्ष 14 अगस्त 2023 को मोरखंडा नदी में 70 के दशक में बना लोहे का गार्डर पुल मोरखंडा नदी की तेज धाराओं में समा गया था। प्रशासन द्वारा मदमहेश्वर धाम में फंसे 500 से ज्यादा तीर्थ यात्रियों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर रांसी गांव पहुंचाया था। लोहे के गार्डर पुल के मोरखंडा नदी की तेज धाराओं में समाने के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा मोरखंडा नदी पर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाकर आवाजाही शुरू की गयी थी। लेकिन बीती रात्रि को मोरखंडा नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि होने से लकड़ी का अस्थायी पुल मोरखंडा नदी की तेज धाराओं में समाने से तीर्थ यात्रियों व ग्रामीणों की आवाजाही पूर्णतया ठप हो गयी है। प्रधान गौण्डार बीर सिंह पंवार ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा शासन- प्रशासन से ट्राली लगाने की मांग की जा रही थी, लेकिन आज तक ट्राली नहीं लगाई गई है।