UKSSSC पेपर लीक मामले ED की एंट्री, STF करेगी केंद्रीय एजेंसियों से साझा करेगी जानकारी…

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देहरादून: पेपर लीक मामले में अब तक पकड़े गए आरोपियों में से हाकम सिंह रावत ही बड़ा नाम माना जा रहा है। वह वर्षों से नकल के इस धंधे में लिप्त था। एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक हाकम सिंह पर जितनी भी परीक्षाओं में नकल का आरोप लगा, उसने धामपुर को ही सेंटर बनाया। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के तीन नकल माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इनमें से एक के खिलाफ एसटीएफ को पुख्ता सुबूत भी मिल चुके हैं। बताया जा रहा है कि हाकम सिंह ने इसी के साथ मिलकर धामपुर में नकल सेंटर बनाया था। यही नहीं, इससे पहले 2020 में भी एक परीक्षा में नकल के लिए धामपुर को ही चुना गया था। एसटीएफ जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां कर सकती है।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला केंद्रीय एजेंसियों से भी जानकारी साझा करेगी। साथ ही मजबूत कानूनी शिकंजा कसने के लिए एसटीएफ ने न्यायालय में अब तक पंद्रह अहम गवाहों के बयान दर्ज कराए हैं। एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने कहा नकल करने वाले अधिकतर छात्रों की जानकारी एसटीएफ को मिल चुकी है। छात्र अगर अभी जांच में सहयोग नहीं करेंगे, तो भविष्य में ऐसे सभी छात्रों की गिरफ्तारियां की जाएगी। अभी तक गिरफ्तार कुछ अभियुक्त के पेपर लीक माध्यम से काफी संपत्ति अर्जित करने के मामले सामने आ रहे हैं।

इसके साथ ही 83 लाख नकद बरामद हुई है, जिसको देखते हुए यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की एफआईआर के साथ प्रारंभिक रिपोर्ट एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट को भेजी जा रही है। भविष्य में भी जो जानकारी अवैध संपत्ति को लेकर विवेचना में आएगी, वो भी केंद्रीय एजेंसी से साझा की जाएगी। वही पेपर लीक मामले में एसटीएफ उत्तरकाशी जिले से एक अभ्यर्थी को दून लेकर आई है। बताया जा रहा है कि इस अभ्यर्थी ने भी हल किया हुआ पेपर खरीदकर परीक्षा दी थी। सूत्रों के मुताबिक, इसका नाम अंकित रमोला है और यह हाकम सिंह का करीबी है। रमोला को दून लाने की पुष्टि एसटीएफ के सूत्रों ने की है। सूत्रों के मुताबिक, यह भी कहा जा रहा है कि रमोला की चेन लंबी हो सकती है। आशंका है कि उसने भी पेपर आगे बेचकर अनुचित तरीके से धन कमाया है।