स्वतंत्र भारत में यह पहला मौका है, जब प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में पांचवीं बार बाबा केदार के दर्शनों को केदारनाथ पहुंच रहे हैं। वे अपने पहले कार्यकाल में चार बार बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंचे थे। इससे पूर्व, सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी अस्सी के दशक में दो बार केदारनाथ धाम पहुंचीं थीं।
भगवान आशुतोष के ग्याहरवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगाध आस्था है। अस्सी के दशक में डेढ़ माह तक केदारपुरी में मंदाकिनी नदी के बायीं तरफ गरूड़चट्टी में उन्होंने लगभग डेढ़ माह तक साधना की थी। तब वह प्रतिदिन बाबा के दर्शनों के लिए केदारनाथ मंदिर में पहुंचते थे। जबकि देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार 3 मई 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे।
तब उन्होंने बाबा केदार की पूजा-अर्चना के साथ ही धाम से देश को संबोधित भी किया था। यह भी पहला मौका था, जब किसी पीएम ने केदारनाथ से जनता को संबोधित किया। अपने भाषण में पीएम मोदी ने गरूड़चट्टी में बिताए दिनों को भी याद किया था।
उसी वर्ष पीएम मोदी 20 अक्तूबर को पुन: केदारनाथ पहुंचे थे। तब उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये की पांच बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया था। इन परियोजनाओं में पहले चरण के कार्य पूरे हो चुके हैं।
जबकि दूसरे चरण के कार्य शुरू हो गए हैं। प्रधानमंत्री 7 नवंबर 2018 को तीसरी बार केदारनाथ पहुंचे थे और पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इसके बाद वे चौथी बार 18 मई 2019 को धाम पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने ध्यान गुफा में लगभग 17 घंटे तक साधना भी की थी।
इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी (1985), पूर्व राष्ट्रपति आर वेंकटरमन (1992) और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (2017) भी बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। जबकि बीते 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी केदारनाथ पहुंचकर बाबा के दर्शन किए थे।
स्व. मोरारजी देसाई व स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह ने प्रधानमंत्री बनने से पूर्व केदारनाथ के दर्शन किए थे। आपदा के बाद पुनर्निर्माण के दौर से गुजर रहे केदारनाथ धाम में बीते सात वर्षों में देश के कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा राज्यों के विधानसभा स्पीकर, मंत्री, राज्यपाल व अन्य वीवीआईपी आ चुके हैं। यहां तक कि सिंगापुर और नेपाल के मंत्री भी यहां पहुंचे हैं।